स्विट्जरलैंड में कुदरत का कहर, ग्लेशियर ढहने के मची तबाही, सामने आया वीडियो

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Switzerland Glacier Collapse: स्विट्जरलैंड के वैलैस कैंटन में स्थित सुंदर पहाड़ी गांव ब्लैटन एक भयंकर प्राकृतिक आपदा के चपेट में आ गया है. बुधवार, 28 मई को यहां अचानक ग्‍लेशियर ढहने से भारी तबाही मची हुई है. ग्लेशियर ढहने की वजह से भूस्खलन हुआ. बर्फ, कीचड़ और चट्टानों का विशाल सैलाब गांव पर कहर बनकर टूटा और जो भी सामने आया उसे अपने साथ बहा ले गया. ग्‍लेशियर ढहने का वीडियो भी सामने आया है जो बेहद भयावह है.

मलबे में तब्‍दील हुआ इलाका

“द वेदर चैनल ” की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लेशियर ढहने के बाद मची तबाही का मंजर साफ नजर आ रहा है. ड्रोन फुटेज में देखा गया कि हजारो टन बर्फ, कीचड़ और चट्टानों का सैलाब ब्लैटन गांव की ओर बह आया और पूरा इलाका मलबे में तब्‍दील हो गया. राहत की बात ये रही कि करीब 300 लोगों को पहले ही सुरक्षित निकाला जा चुका था.

वैज्ञानिकों ने पहाड़ पर क्या देखा?

जानकारी के अनुसार, वैज्ञानिकों ने 19 मई को ही ब्लैटन गांव को खाली कराने का आदेश दे दिया था. वैज्ञानिकों ने पहाड़ में दरारें देखी थीं और बताया था कि ग्लेशियर खिसक सकता है. इस बीच ब्लैटन के मेयर मैथियास बेलवाल्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भावुक होते हुए कहा कि, “हमने अपना गांव खो दिया, यह अब मलबे में दफन है, लेकिन हम इसे फिर से बनाएंगे.”

स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति ने क्या कहा?

इस प्राकृतिक आपदा पर स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति कारिन केलर-सटर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर स्थानीय लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्‍होंने कहा, “अपना घर खोना बेहद दुखद है.” प्रशासन ने घाटी की मुख्य सड़क को बंद कर दिया है और लोगों से इलाके से दूर रहने का आग्रह किया है.

दुनिया के लिए अलार्मिंग सिचुएशन?

स्विटजरलैंड की यह घटना विश्व के लिए चिंताजनक स्थिति है. इससे साफ है कि यदि अब भी जलवायु परिवर्तन के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए गए तो ऐसी आपदाएं विनाशकारी साबित हो सकती हैं. स्विस पर्यावरण वैज्ञानिक क्रिश्चियन ह्यूगेल का मानना है कि यह आपदा परमा-फ्रॉस्ट (स्थायी रूप से जमी बर्फ) के पिघलने की वजह से आई, जिसने पहाड़ को कमजोर कर दिया. पिछली शताब्दी में आल्प्स पर्वत श्रृंखला में ऐसी तबाही नहीं देखी गई थी.

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