अमेरिका के खिलाफ चीन की जवाबी कार्रवाई, कई उत्पादों पर लगाया टैरिफ

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Tariff War: अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप सत्‍ता संभालने के बाद लगातार कई बड़े फैसले ले रहे हैं. इसी बीच डोनाल्‍ड ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाने की घोषणा की. हालांकि बाद में उन्‍होंने कनाडा और मेक्सिको पर शुल्‍क लगाए जाने के फैसले के क्रियान्‍वयन पर एक महीने की रोक लगा दी है. वहीं अब ट्रप की ओर से जारी टैरिफ वार को लेकर चीन ने अपनी चाल चल दी है. चीन ने कहा है कि वह अमेरिका के खिलाफ कई उत्‍पादों पर जवाबी टैरिफ लगा रहा है.

इन चीजों पर टैरिफ लगाएगा चीन

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को ऐलान किया है कि वह कोयला, तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) उत्पादों पर 15 प्रतिशत शुल्क लागू करेगा. इसके साथ ही कच्चे तेल, कृषि मशीनरी, बड़ी कारों पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा. इसके अलावा चीन ने अमेरिकी सर्च इंजन ‘गूगल’ की जांच सहित अन्य व्यापार संबंधी उपायों का भी ऐलान किया है.

गूगल के खिलाफ जांच

मंगलवार को चीन के ‘स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन फॉर मार्केट रेगुलेशन’ ने कहा कि वह गूगल के खिलाफ विश्वास विरोधी (एंटीट्रस्ट) कानूनों के उल्लंघन के संदेह में जांच कर रहा है. हालांकि, इसमें किसी शुल्क का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया, लेकिन यह ऐलान अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप के 10 प्रतिशत शुल्क लागू होने के कुछ ही मिनट बाद की गई है.

चीन पर लगा 10 प्रतिशत शुल्क

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर लगाया गया 10 प्रतिशत शुल्क मंगलवार से लागू होगा. हालांकि, ट्रंप अगले कुछ दिनों में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत करने वाले हैं. बता दें कि ट्रंप ने शनिवार को मेक्सिको, कनाडा और चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर कड़े शुल्क लगाने संबंधी एक आदेश पर हस्ताक्षर किए थे. उन्होंने दावा किया था कि अमेरिकियों की सुरक्षा के लिए ये टैरिफ आवश्‍यक हैं.

UN में चीन के स्थायी प्रतिनिधि ने क्या कहा?

मालूम हो कि संयुक्त राष्ट्र (UN) में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू कांग ने शुल्क को लेकर अमेरिकी प्रशासन पर निशाना भी साधा है. फू कांग ने कहा था कि इससे चीन जवाबी कदम उठाने को मजबूर हो सकता है और इससे किसी का भला नहीं होता. फू कांग ने कहा था कि हम इस कदम के‍ खिलाफ है. हमारा मानना ​​है कि यह विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों का उल्लंघन है. बता दें कि अमेरिका में मैक्सिको और कनाडा से आने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत और चीन से इंपोर्ट पर 10 प्रतिशत का टैरिफ लगाया जाएगा. ट्रंप ने इस फैसले पर एग्जीक्यूटिव ऑर्डर भी साइन कर दिया है.

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