Tariff War: अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति (डेमोक्रेट्स की समिति) ने शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर असहमति जताई. उनका कहना है कि भारत पर टैरिफ लगाने से व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध जारी रखने से नहीं रोका जा सकता. उन्हें रोकना है, तो सभी को यूक्रेन का समर्थन करना होगा.
समिति के अनुसार “भारत पर टैरिफ़ लगाने से पुतिन नहीं रुकेंगे, यदि ट्रंप वाकई यूक्रेन पर रूस की तरफ से किए जा रहे हमले का समाधान चाहते हैं तो शायद पुतिन को सज़ा दें और यूक्रेन को ज़रूरी सैन्य सहायता दें. बाकी सब तो बस दिखावा है.”
Tariffing India won’t stop Putin.
If Trump really wanted to address Russia’s illegal invasion of Ukraine, maybe punish Putin and give Ukraine the military aid it needs.
Everything else is smoke and mirrors. pic.twitter.com/TxzqhpaKGt
— House Foreign Affairs Committee Dems (@HouseForeign) August 15, 2025
अमेरिकी वित्त मंत्री ने दी थी चेतावनी
समिति के डेमोक्रेट सदस्यों की यह टिप्पणी अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट के उस बयान पर आया है, जिसमें उन्होंने नई दिल्ली पर रूसी तेल व्यापार के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी थी. बेसेंट ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि टैरिफ में वृद्धि अलास्का में पुतिन के साथ ट्रंप की महत्वपूर्ण बैठक के परिणाम पर निर्भर करती है, जो आज प्रोडक्टिव टॉक के साथ खत्म हुई.
अलास्का में ट्रंप-पुतिन की बैठक से पहले बेसेंट ने कहा था कि “हमने रूसी तेल ख़रीदने वाले भारतीयों पर द्वितीय टैरिफ लगा दिया है, और मैं देख सकता हूं कि अगर चीज़ें ठीक नहीं रहीं तो प्रतिबंध या टैरिफ और बढ़ा सकते हैं. मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन से हर कोई निराश है. हमें उम्मीद थी कि वह ज़्यादा खुलकर बातचीत करेंगे. ऐसा लग रहा है कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं.”
‘रूस से कच्चे तेल का मुख्य खरीदार चीन’
बेसेंट को जब बताया गया कि रूस के कच्चे तेल का मुख्य खरीदार तो चीन है. इस पर उन्होंने कहा कि “मैं राष्ट्रपति से आगे नहीं जाऊंगा, लेकिन राष्ट्रपति अपनी तरफ से दबाव बनाने में माहिर हैं. वो राष्ट्रपति पुतिन को स्पष्ट कर देंगे कि सभी विकल्प मौजूद हैं.”
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