Trade deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच जल्द ही व्यापार समझौता होगा. साथ ही उन्होंने ये दावा भी किया है कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर 100 प्रतिशत शुल्क कम करने को तैयार है. लेकिन भारत की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इतना जरूर कहा है कि जब तक सभी पहलुओं पर चर्चा नहीं हो जाती है तब तक कोई भी फैसला तय नहीं माना जाएगा.
बता दें कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर बात आगे बढ़ाने के लिए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस समय वाशिंगटन में हैं. ऐसे में उम्मीद है कि वह अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जैमीसन ग्रीर के साथ बातचीत करेंगे.
अमेरिका के साथ सौदा करना चाहते है 150 देश
इस इंटरव्यू के दौरान एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को दुनिया में सबसे अधिक शुल्क लगाने वाले देशों में से एक बताया. उन्होंने कहा कि वे व्यापार करना लगभग असंभव बना देते हैं. वहीं, भारत द्वारा अमेरिका के लिए अपने शुल्क में 100 प्रतिशत कटौती करने पर सहमति और यह समझौता होने की अवधि को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों देशें के बीच जल्द ही समझौता होगा. मुझे कोई जल्दी नहीं है. देखिए, हर कोई हमारे साथ सौदा करना चाहता है. दक्षिण कोरिया भी, लेकिन मैं हर किसी के साथ सौदा नहीं करने जा रहा हूं. मैं बस सीमा तय करने जा रहा हूं. मैं सबसे सौदे नहीं कर सकता. मेरे पास 150 देश हैं, जो सौदा करना चाहते हैं, और मैं इतने लोगों से नहीं मिल सकता.
व्यापार समझौते को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच जल्द ही व्यापार समझौता होने वाला है. लेकिन अपने हाल ही के दिए गए साक्षात्कार में कहा कि उन्हें प्रस्तावित व्यापार समझौते के लिए कोई जल्दबाजी नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने बार-बार यह दावा किया है कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर सभी शुल्क कम करने की पेशकश कर रहा है.
भारत और अमेरिका व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं. वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जोर देते हुए कहा कि कोई भी व्यापार समझौता परस्पर लाभकारी और दोनों देशों के हित में होना चाहिए. इसलिए, इस पर जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा.
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