Trump in UAE: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) दौरे पर गए थे. इस दौरान उनका स्वागत राष्ट्रपति भवन, कसर अल वतन में खास अंदाज में स्वागत किया गया था, जिसका वीडियों भी सामने आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति के यूएई में हुए इस स्वागत ने सभी का ध्यान अपने ओर खीच लिया.
वायरल वीडियो के अनुसार, ढोल और यूएई के पारंपरिक गीतों की ताल के बीच ट्रंप आगे बढ़ रहे हैं इस दौरान कॉरिडोर के दोनों ओर सफेद लिवाज में महिलाएं नजर आ रही हैं. खास बात ये है कि इन महिलाओं ने हिजाब हटाकर अपने बालों को लहराते हुए ट्रंप का स्वागत किया, वहीं, लाइन में खड़े पुरुष हाथों में भाले, तलवार लेकर ढोल की थाप पर नृत्य कर रहे थे. हालांकि कि बताया गया कि यह सऊदी अरब की पारंपरिक कला अल अय्याला है.
भूतिया स्टाइल में ट्रंप के सामने झूमी महिलाएं
वहीं, ट्रंप के इस स्वागत वाले वीडियो की चर्चा हर तरफ हो रही है. इस दौरान इसपर कई विवाद भी शुरू हो गए है. दरअसल, जिस मुस्लिम देश में महिलाओं को हिजाब हटाने की अनुमति नहीं हैं उन्हें अपने किसी गेस्ट के स्वागत में इस तरह बिना हिजाब के बालों को खोलकर झटकना हैरानी भरा लगा और मन में जिज्ञासा पैदा हो गई कि इस स्वागत के अंदाज को क्या कहा जाता है.
क्या है अल अय्याला?
बता दें कि ट्रंप के स्वागत में सफेद लिबास में महिलाओं द्वारा अल-अय्याला नामक बाल झटकने की रस्म निभाई गई. इस नृत्य का सांस्कृतिक महत्व भी है. दरअसल, अल-अय्याला (Al-Ayyala) यह प्रस्तुति ओमान और यूएई की एक सांस्कृतिक कला है, जिसमें महिलाएं अपने बालों को एक तरफ से दूसरी तरफ उछालती हैं. इस नृत्य को साल 2014 में यूनेस्को ने सांस्कृतिक विरासत के तौर पर मान्यता दी है.
Yesterday, President Trump MADE HISTORY as the first president to EVER receive a fighter jet welcome from a foreign nation since REAGAN.
Today, just look at how excitedly Trump was welcomed to his Emirati State Visit.
THE ENTIRE WORLD LOVES TRUMP!
pic.twitter.com/M1xovtlTV0— Bo Loudon (@BoLoudon) May 15, 2025
बालों को एक ओर से दूसरी ओर उछालती है महिलाएं
अल अय्याला में मांत्रिक कविता गाना, ड्रम बजाना, नृत्य करना शामिल है. इसे एक शैलीगत युद्ध नृत्य के रूप में वर्णित किया जाता है, जिसमें आम तौर पर पुरुष दो पंक्तियों में आमने-सामने खड़े होते हैं. हाथ में तलवार या बांस की छड़ें लहराते हैं और ढोल की थाप और कविता के साथ ताल में चलते हैं. वे हाथ में बांस की पतली डंडिया लिए हुए होते हैं, जो भाले और तलवार का प्रदर्शन करती है. इस दौरान दोनों पक्तियों के बीच में कुछ पुरुष छोटे और बड़े आकार ड्रम बजाते हैं. उनके हाथ में डफ और पीतल की झांझ भी होती है. यहां पर पारंपरिक पोशाक सफेद गाउन पहने लड़कियां सामने खड़ी होती हैं और अपने लंबे बालों को एक तरफ से दूसरी तरफ उछालती हैं.
सांप्रदायिक पहचान और कलात्मक अभिव्यक्ति का जश्न
वैसे तो अल-अय्याला पुरुषों द्वारा किया जाता है, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात में महिलाएं भी इसमें भाग लेती हैं. आमतौर पर शादियों और राष्ट्रीय समारोह के दौरान के अल-अय्याला को दौरान इस नृत्य को किया जाता है, जो एकीकृत प्रदर्शन के रूप में सांस्कृतिक महत्व रखता है, जिसमें सभी उम्र, लिंग और सामाजिक पृष्ठभूमि के लोग शामिल होते हैं. इस नृत्य को विरासत और गौरव का प्रतीक माना जाता है, जो सांप्रदायिक पहचान और कलात्मक अभिव्यक्ति दोनों का जश्न मनाता है.