Ankara: पाकिस्तान के करीबी दोस्त तुर्की इन दिनों खतरे में है. तुर्की एक अनोखी और भयावह प्राकृतिक विपत्ति झेल रहा है. देश के मध्य इलाकों में जमीन में अचानक बड़े-बड़े गड्ढे बन रहे हैं, जिन्हें स्थानीय लोग ओब्रुक कहते हैं. ये इतने विशाल हैं कि फुटबॉल और क्रिकेट के मैदान भी इनके सामने छोटे पड़ते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय से चल रहे सूखे और भूजल के गिरते स्तर की वजह से ये विशाल गड्ढे बन रहे हैं.
सामने आई तस्वीरों ने मचा दिया हलचल
विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि भूजल का स्तर लगातार गिरता रहा तो तुर्की के कई हिस्सों में और भी बड़े ओब्रुक बन सकते हैं. वहीं सोशल मीडिया में सामने आई तस्वीरों ने हलचल मचा दिया है. विशेषज्ञों के अनुसार तुर्की के कोन्या प्लेन, करमान और अक्सराय क्षेत्रों में अब तक लगभग 700 ओब्रुक दर्ज किए जा चुके हैं. अकेले करापिनार जिले में ही 534 गड्ढे पाए गए हैं. कोन्या, जिसे देश की अनाज की टोकरी कहा जाता है, यहां तुर्की का 36% गेहूं और 35% चुकंदर पैदा होता है. लेकिन, अब किसान भय के साए में जी रहे हैं और कई खेतों को छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं.
जमीन के नीचे चूना पत्थर की परतें
कोन्या प्लेन कार्स्ट क्षेत्र में आता है, जहां जमीन के नीचे चूना पत्थर की परतें हैं, जो पानी में आसानी से घुल जाती हैं. जब भूजल का स्तर नीचे चला जाता है तो ऊपर की मिट्टी अपना सहारा खो देती है और अचानक ढह जाती है. यही प्रक्रिया इन विशाल सिंकहोल्स का कारण बनती है. नासा की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में तुर्की के जलाशय 15 साल के सबसे निचले स्तर पर थे.
अवैध बोरवेल से भूजल लगातार खींचने से संकट
हजारों वैध और अवैध बोरवेल से भूजल लगातार खींचने से यह संकट और बढ़ गया. बारिश की कमी ने स्थिति को और खतरनाक बना दिया. अगस्त 2025 में करमान प्रांत के सुदुरागी गांव में 15 मीटर चौड़ा और 5 मीटर गहरा गड्ढा बन गया था. इसके अगले महीने करापिनार में 40 मीटर गहरा ष्इनूओबा ओब्रुक देखा गया. अब वैज्ञानिक इन सिंकहोल्स का रिस्क मैप बना रहे हैं ताकि बस्तियों और सड़कों को संभावित खतरे से बचाया जा सके.
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