‘दोहरी रणनीति की बदौलत प्रगति कर रहा देश’, संयुक्‍त राष्‍ट्र में नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष ने बताया विकसित भारत का रोडमैप

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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United nations: संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा नीति आयोग के सहयोग से सतत विकास पर उच्च स्तरीय राजनीतिक फोरम (HLPF) में एसडीजी: एजेंडा 2030 के लिए गति बनाए रखना विषयक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने विकसित भारत का रोडमैप बताते हुए कहा कि भारत ने विभिन्न सतत विकास लक्ष्यों (SDG) में प्रगति की है.

सुमन बेरी के मुताबिक, यह मजबूत सुरक्षा जाल और विकास को बढ़ावा देने वाले सुधारों की दोहरी रणनीति की बदौलत संभव हुआ है. उन्‍होंने कहा कि साल 2013-14 और 2022-23 के बीच के 240 मिलियन भारतीय गरीबी से बाहर निकल आए और 2015 के बाद से सामाजिक सुरक्षा कवरेज दोगुने से भी अधिक हो गया है.

भारत ने स्‍थापित किया वितरण तंत्र

इसके अलावा, भारत सतत विकास लक्ष्यों के तहत वर्ष 2030 से पहले मातृ, शिशु और शिशु मृत्यु दर के स्वास्थ्य लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है. भारत की प्रगति दोहरी रणनीति से ही भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला अर्थव्‍यवस्‍था बन गया है. सुमन बेरी ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा परिवर्तन यात्रा में भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है तथा हमने अपनी स्थापित विद्युत क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त किया है. इससे पता चलता है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए एक वितरण तंत्र स्थापित किया है.

सतत विकास लक्ष्यों के बौद्धिक ढांचे पर कर रहे काम

नीति आयोग की उपाध्‍यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में विकास एक राजनीतिक कार्य है और हम सतत विकास लक्ष्यों के बौद्धिक और संकेतक ढांचे पर काम कर रहे हैं. भारत के समावेशी विकास के एजेंडे और 2015 में विश्व द्वारा एक साथ मिलकर अपनाए गए एजेंडे का सुखद संगम है, जब हम सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और पेरिस जलवायु समझौते दोनों पर एकमत थे.

इसके अलावा, उन्‍होंने भारत के सतत विकास के लक्ष्यों को स्थानीय बनाने के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्वस्तरीय डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के निर्माण, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने तथा सतत विकास के लिए परिवर्तनकारी उपकरण के रूप में डाटा-संचालित शासन को सक्षम बनाने में भारत के कामों को प्रदर्शित किया.

भारत ने स्थानीयकरण पर दिया जोर

इस दौरान संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) में सहायक महासचिव और एशिया प्रशांत क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक कन्नी विग्नाराजा ने भी कहा कि भारत में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी का अनुभव दर्शाता है कि सतत विकास लक्ष्य का स्थानीयकरण मूल रूप से सोचे गए से कहीं अधिक बेहतर है. सतत विकास लक्ष्य का स्थानीयकरण एक बहुत ही गतिशील प्रक्रिया है, जो इस बात पर निर्भर करती है कि लोग अपनी जरूरतों और विकल्‍पों के अनुरूप नीतियों और संस्थाओं के साथ किस प्रकार अलग-अलग ढंग से बातचीत करते हैं.

भारत ने की वैश्विक एसडीजी सूचकांक पर दूसरी सबसे तेज प्रगति

विग्‍नाराजा ने कहा कि भारत ने जी-20 देशों के बीच वैश्विक एसडीजी सूचकांक पर दूसरी सबसे तेज प्रगति दर्ज की है. भारत का यूपीआई अब दुनिया की सबसे बड़ी वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है. भारत के डिजिटल ढांचे को अब कई देशों अपना रहे हैं और दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए भारत का समर्थन स्वागत योग्य है.  इसके साथ ही उन्‍होंने भारत के जलवायु कार्रवाईयों का भी जिक्र किया.

एक साथ चल सकते है विकास और स्थिरता

सहायक महासचिव ने कहा कि वैसे तो ऊर्जा परिवर्तन में समय लगता है, लेकिन भारत यह साबित कर रहा है कि विकास और स्थिरता साथ-साथ चल सकते हैं. भविष्य के लिए स्वच्छ ऊर्जा, हरित रोजगार और नवाचार में निवेश किया जा सकता है. यूएनडीपी को भारत के प्रयासों के साथ-साथ अपना काम जारी रखने पर गर्व है, जिसमें उन्नत नवाचार और दक्षिण-दक्षिण आदान-प्रदान भी शामिल है.

इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने भी 2030 एजेंडे के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की. उन्होंने सतत विकास के लिए भारत के एकीकृत दृष्टिकोण के बारे में बताया. कार्यक्रम में देशों के प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव साझा किए.

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