UNSC में भारत ने पाकिस्‍तान की टिप्‍पणी को किया खारिज, कहा- बच्चों के अत्याचार के मुद्दे पर ध्यान भटकाने की हो रही कोशिश

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में गुरुवार को भारत ने पाकिस्तान को उसके करतूतों पर करारा जवाब दिया है. दरअसल, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में बच्चों और सशस्त्र संघर्ष (सीएएसी) पर वार्षिक खुली बहस के दौरान भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि पाकिस्‍तान अपने क्षेत्र में बच्‍चों के अत्‍याचार के मुद्दे से ध्‍यान भटकाने की कोशिश कर रहा है.

उन्‍होंने कहा कि बच्चों के खिलाफ अत्याचार और आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान का संयुक्त राष्ट्र में उपदेश देना घोर पाखंड है. ऐसे में मैं पाकि‍स्‍तानी प्रतिनिधि की ओर से की गई राजनीति से प्रेरित टिप्पणियों पर खारिज करता हूं. पी. हरीश ने कहा कि सीएएसी एजेंडे के गंभीर उल्लंघनकर्ताओं में से एक पाकिस्तान भी है, जो संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रियाओं पर गलत तरीके से संदेह व्यक्त कर रहा है.

भारत ने पाकिस्‍तान के काशिशों को बताया अस्‍वीकार्य

पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि पाकिस्तान अपने नापाक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न चर्चाओं में भारत को बदनाम कर रहा है. ऐसा करके वो अपने ही देश में बच्‍चों के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है, जिसे भारत अस्‍वीकार करता है. इसके अलावा, भारत सीमा पार से किए जा रहे बड़े पैमाने पर आतंकवाद को भी अस्वीकार कर रहा है.

25% बढ़ा बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन

यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि हमारी दुनिया संघर्षों और आतंकी हमलों में एक खतरनाक वृद्धि देख रही है, जिसके सबसे अधिक शिकार बच्‍चें हो रहे है. यूएनएसजी की रिपोर्ट की मानें, तो बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन 25 प्रतिशत बढ़ गए हैं, जबकि 2024 में यौन हिंसा 35 प्रतिशत बढ़ गई है, जो तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की मांग करती है. इसलिए, आज की चर्चा जरूरी और आवश्यक दोनों है.

सक्षम वातावरण बनाना बाल संरक्षण के लिए मौलिक अधिकार

पी. हरीश ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना बाल संरक्षण के लिए मौलिक है. इसके साथ ही उनकी (बच्‍चों) सुरक्षा, पोषण और शिक्षा को राष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए. साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि संघर्ष और संघर्ष के बाद की स्थितियों में बच्चों को समाज में उनके सफल पुन: एकीकरण के लिए विशेष ध्यान और मनोवैज्ञानिक-सामाजिक समर्थन की आवश्यकता होती है. इन आवश्यक पारिस्थितिकी प्रणालियों के निर्माण के लिए राज्य द्वारा निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है.

पहलगाम हमले को नहीं भूली है दुनिया

इस दौरान उन्‍होंने पहलगाम हमले का भी जिक्र किया. पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि दुनिया 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में पाकिस्तान और पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों के भारत में 26 पर्यटकों की हत्‍या को भूली नहीं है. जानकारों के मुताबिक, सीएएसी पर महासचिव की रिपोर्ट पाकिस्तान में सशस्त्र संघर्ष में बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघनों को उजागर करती है. इसके  साथ ही महासचिव ने स्कूलों, विशेष रूप से लड़कियों के स्कूलों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ हमलों सहित इस तरह के गंभीर उल्लंघनों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है.

यूएन में पाखंड कर रहा पाकिस्‍तान

यूएन में भारत के स्‍थायी प्रतिनिधी पी हरीश ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने अपनी रिपोर्ट में अफगानिस्तान के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में घटनाओं के बारे में बताया है, जहां अफगान बच्चों की हत्या और अपंगता की एक श्रृंखला को सीधे पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा सीमा पार गोलाबारी और हवाई हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तानी सेना ने मई 2025 में हमारे सीमावर्ती गांवों पर जानबूझकर गोलाबारी की, जिसमें कई नागरिक मारे गए और घायल हुए. इस तरह के व्यवहार के बाद संयुक्त राष्ट्र में उपदेश देना घोर पाखंड है.

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