भारत-पाकिस्तान संघर्ष का चीन ने उठाया फायदा; US कांग्रेस की रिपोर्ट में खुलासा, झूठ बोलकर मुस्लिम देशों को बेचा हथियार

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

US Congress report: भारत-पाकिस्तान के बीच कुछ महिने पहले चले तगड़े संघर्ष को चीन ने एक सुनहरे मौके के रूप में इस्तेमाल किया, जिसका खुलासा US कांग्रेस (USCC) की ताजा रिपोर्ट से हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर इस लड़ाई को अपने हथियारों का असली युद्ध में टेस्ट करने का मैदान बना दिया और फिर इन्हीं टेस्ट रिजल्ट्स को बढ़ा-चढ़ाकर मुस्लिम देशों को हथियार बेचने के लिए इस्तेमाल किया.

रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने न सिर्फ अपने हथियारों को जमीन पर परखा, बल्कि इसके बाद पूरी दुनिया में उन्हें आक्रामक तरीके से प्रमोट भी किया, जिससे उसका हथियार बाजार पश्चिमी देशों के मुकाबले और मजबूत हो सके.

चीन के हथियारों का कॉम्बैट डेब्यू

USCC का कहना है कि संघर्ष में चीन के कई उन्नत हथियार पहली बार वास्तविक युद्ध में इस्तेमाल हुए. इनमें शामिल हैं HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल और J-10C फाइटर जेट. रिपोर्ट के मानें तो यह पहली बार था जब चीन के आधुनिक हथियार सक्रिय लड़ाई में उतरे और पूरे संघर्ष को बीजिंग ने एक तरह की फील्ड एक्सपेरिमेंट की तरह इस्तेमाल किया.

चीन ने उठाया पाकिस्तान की सफलता का फायदा

इसके अलावा, रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि पाकिस्तान की सैन्य सफलता को चीन ने पश्चिमी हथियारों के मुकाबले अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए साधन बनाया. दरअसल, पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में दावा किया था कि पाकिस्तानी J-10C ने भारतीय वायुसेना के राफेल समेत कई विमान मार गिराए. जबकि रिपोर्ट का कहना है कि पाकिस्तान के इन दावों में अतिशयोक्ति हो सकती है, लेकिन चीनी दूतावासों ने इन्हीं दावों को दुनिया भर में हथियार बिक्री बढ़ाने के लिए प्रचारित किया.

फर्जी तस्वीरें और दुष्प्रचार का आरोप

US कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चीन ने सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट्स के माध्यम से AI-जनित तस्वीरें और वीडियो-गेम ग्राफिक्स को भारतीय विमानों के मलबे के रूप में प्रसारित किया. रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर इसकी मदद से फ्रांसीसी रफाल की छवि को नुकसान पहुंचाने और अपने J-35 लड़ाकू विमान को प्रमोट करने की कोशिश की गई.

वहीं, फ्रांसीसी खुफिया के हवाले से रिपोर्ट में दावा है कि चीन के दुष्प्रचार अभियान के बाद इंडोनेशिया ने राफेल खरीद प्रक्रिया रोक दी. साथ ही ये भी कहा गया कि पाकिस्‍तान अब भी इन चीनी हथियारों पर निर्भर है. इसी बीच चीन के जून में पाकिस्तान को 40 J-35 फाइटर जेट, KJ-500 और बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम की बिक्री की पेशकश की थी.

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