US Court: अमेरिका की संघीय अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के निर्वासन के एक फैसले को गैरकानूनी ठहरा दिया है. दरअसल कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसल के दौरान कहा कि दक्षिण सूडान भेजे गए प्रवासियों का निर्वासन गैरकानूनी है और अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों को उन्हें अपनी हिरासत में बनाए रखना चाहिए.
बता दें कि अमेरिका के दर्जनों प्रवासियों को अफ्रीका भेजा जा रहा है, जिसके लेकर प्रवासियों के वकीलों ने अदालत का रूख किया, जिसके बाद अमेरिकी कोर्ट का ये फैसला सामने आया है. इस मामले में मेसाचुसेट्स के यूएस डिस्ट्रिक्ट जज ब्रायन ई. मर्फी ने बुधवार को आपात सुनवाई का आदेश दिया. प्रवासियों की ओर से पेश वकीलों ने अदालती दस्तावेजों में बताया कि म्यांमार और वियतनाम समेत कई देशों के 12 लोगों को अफ्रीका, विशेष रूप से दक्षिण सूडान, निर्वासित किए जाने की आशंका है.
अदालती आदेश की अवहेलना का आरोप
वहीं, प्रवासियों के वकीलों का आरोप है कि ट्रंप प्रशासन के दौरान कुछ प्रवासियों को दक्षिण सूडान भेजा गया, जबकि एक पूर्व न्यायिक आदेश में ऐसे निर्वासन पर स्पष्ट रूप से रोक लगाई गई थी. उन्होंने कहा कि आवज्रन अधिकारियों ने आदेश के बावजूद म्यांमार और वियतनाम जैसे देशों के नागरिकों को जबरन दक्षिण सूडान भेजा.
वकीलों का कहना है कि इन निर्वासनों से प्रवासियों की जान को गंभीर खतरा है और यह सीधे तौर पर अदालत के आदेश का उल्लंघन है. किसी भी व्यक्ति को निर्वासित करने से पहले उसे अपनी बात कहने का पूरा मौका दिश जाना चाहिए.
गृह सुरक्षा विभाग की प्रतिक्रिया नहीं
वहीं, अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने इस पूरे मामले पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, अदालत के आदेश के बाद यह मामला अमेरिका में प्रवासियों के अधिकारों और निर्वासन प्रक्रियाओं की पारदर्शिता को लेकर एक बार फिर चर्चा में आ गया है.
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