डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को US से खदेड़ने की कर ली तैयारी, शपथ लेते ही हजारों भारतीयों पर गिरेगी गाज

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US Immigration List: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्‍ट्रपति की शपथ लेने से पहले ही बड़ी घोषणा की है. उन्‍होंने अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा निर्वासन करने का फैसला लिया है, जिसके तहत अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) ने निर्वासन के लिए लगभग 1.5 मिलियन व्यक्तियों की लिस्ट तैयार की है. इस लिस्‍ट में करीब 18 हजार भारतीय शामिल है, जिनके उपर भारत वापस जाने का खतरा मंडरा रहा है.

वहीं, हाल ही में जारी ICE डेटा के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका में अंतिम निष्कासन आदेशों के साथ गैर-हिरासत में लिए गए 15 लाख व्यक्तियों में 17,940 भारतीय शामिल हैं. वहीं, एक अन्‍य रिसर्च के मुताबिक, अमेरिका में भारत से करीब 725,000 अवैध अप्रवासी हैं. ऐसे में यह मैक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अवैध अप्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी बन गया है.

अमेरिकी सरहद पार करते पकड़े गए 90 हजार भारतीय

वहीं, इस डेटा के जारी होने से पहले, अमेरिका ने अवैध रूप से देश में रह रहे भारतीय नागरिकों को निर्वासित करने के लिए एक चार्टर्ड फ्लाइट का इस्तेमाल किया था. दरअसल, अमेरिका में हजारों की संख्‍या में बिना कानूनी दस्‍तावेजों के रह रहे भारतीयअपनी स्थिति को वैध करने के लिए संघर्ष कर रहे है, वहीं कई लोगों को कई वर्षो की मेहनत के बाद ICE से मंजूरी मिल सकी है.

निर्वासन लिस्ट में शीर्ष पर होंडुरास

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन वित्‍तीय वर्षो में औसतन 90,000 भारतीय अवैध रूप से अमेरिकी सीमा पार करेन की कोशिशों के दौरान पकड़े गए है. वहीं, अमेरिका आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने अधिकारियों द्वारा समन्वय में देरी का हवाला देते हुए भारत को “असहयोगी” श्रेणी में रखा है. हालांकि आईसीई के दस्‍तावेजों के मुताबिक, 261,651 अवैध अप्रवासियों के साथ होंडुरास निर्वासन लिस्ट में शीर्ष पर है, उसके बाद ग्वाटेमाला, मैक्सिको और अल साल्वाडोर का स्थान है.

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सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में भारत की तेजी: 2030 तक 100-110 अरब डॉलर होगा चिप मार्केट

भारत का सेमीकंडक्टर चिप मार्केट तेजी से विस्तार कर रहा है और विशेषज्ञों के अनुसार यह 2030 तक 100–110 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. सरकार द्वारा 2021 में शुरू किए गए सेमीकंडक्टर मिशन और विदेशी निवेश की पहलें इस उन्नति की नींव हैं. माइक्रोन जैसी कंपनियां भारत में सेमीकंडक्टर पैकेजिंग सुविधाएं स्थापित करने की योजना बना रही हैं, जिससे देश तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है.

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