Badar Khan Suri: भारतीय वैज्ञानाकि को हमास का समर्थन करना पड़ा भारी, अमेरिकी जज ने निर्वासन पर लगा दी रोक

Divya Rai
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Badar Khan Suri: एक संघीय न्यायाधीश ने भारतीय शिक्षाविद बदर खान सूरी (Badar Khan Suri) के निर्वासन पर रोक लगा दी है. सूरी पर कथित तौर पर हमास का समर्थन करने का आरोप था. सूरी को अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने छात्र वीजा रद्द किए जाने के बाद 17 मार्च को हिरासत में ले लिया था.

जज ने निर्वासन पर लगाई रोक

बदर खान सूरी की ओर से एक अपील स्वीकार करते हुए, न्यायाधीश पेट्रीसिया टोलिवर गिल्स ने गुरुवार को आदेश दिया कि लुइसियाना में हिरासत केंद्र में बंद सूरी को अदालत के आदेश के बिना निर्वासित नहीं किया जा सकता. बता दें कि सूरी ने नई दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से पीएचडी की है और वाशिंगटन में जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो थे, जहां उन्होंने “दक्षिण एशिया में बहुसंख्यकवाद और अल्पसंख्यक अधिकार” का एक कोर्स कराया.

यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा देने का आरोप

होमलैंड सुरक्षा सहायक सचिव ट्रिसिया मैकलॉघलिन ने बदर खान सूरी पर “हमास के प्रचार प्रसार और सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा देने” का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उनके “हमास के वरिष्ठ सलाहकार से घनिष्ठ संबंध हैं, जो संदिग्ध आतंकवादी है.” लेकिन उनके वकील ने अदालत में दायर अपनी फाइलिंग में लिखा कि उन्हें निर्वासन के लिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उनकी शादी एक फिलिस्तीनी-अमेरिकी से हुई है, जो केवल उनके “उन लोगों के साथ पारिवारिक संबंधों पर आधारित है, जिन्होंने इजरायल से संबंधित अमेरिकी विदेश नीति की आलोचना की हो सकती है.”

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी ने जारी किया बयान

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के एक बयान में कहा गया, “हमें उनके किसी अवैध गतिविधि में शामिल होने की जानकारी नहीं है, और हमें उनकी हिरासत का कोई कारण नहीं मिला है.” यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के अनुसार, सूरी की पत्नी मफेज़ सालेह, जो अरब स्टडीज में मास्टर की पढ़ाई कर रही हैं, ने “गाजा में विदेश मंत्रालय” के लिए काम किया है और मिडिल ईस्ट मॉनिटर, कतर सरकार के टीवी नेटवर्क अल जजीरा और फिलिस्तीनी मीडिया के लिए लिखा है.

राष्ट्रपति ट्रम्प के अभियान में शामिल हैं सूरी

बदर खान सूरी दूसरे भारतीय हैं जिन्हें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अभियान में शामिल किया गया है, जो अमेरिका भर के कई विश्वविद्यालयों में हुए फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ हैं. कुछ मामलों में, विरोध प्रदर्शन यहूदी-विरोधी और हमास के समर्थन में बदल गए. सूरी के वकील ने अपनी फाइलिंग में कहा कि सोमवार को ढके चेहरे के साथ पहुंचे होमलैंड सिक्योरिटी एजेंटों ने सूरी को वाशिंगटन उपनगर में उनके आवास के बाहर रोका और उन्हें ले गए. लुइसियाना भेजे जाने से पहले उन्हें वर्जीनिया के फार्मविले में एक हिरासत केंद्र में ले जाया गया. उनके वकील चाहते हैं कि मामले की सुनवाई जारी रहने तक उन्हें उनके घर के नजदीक किसी सुविधा केंद्र में ले जाया जाए.

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