अमेरिका के वीजा नियमों में बड़ा बदलाव, अब इन लोगों को यूएस में नहीं मिलेगी एंट्री!

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

US Visa Policy: अमेरिका के वीजा नियमों में लगातार को कोई कोई नया बदलाव किया जा रहा है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने डोनाल्‍ड ट्रंप के जेंडर नीति पर मुहर लगाई थी, वहीं अब एक और नया बदलाव किया गया है. दरअसल, डायबिटीज और कैंसर समेत कई बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए अमेरिकी वीजा पाना थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है.

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने वीजा नीति में कुछ बदलाव किए हैं, जिसके अनुसार हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर, मोटापा और मेंटल हेल्थ से जूझ रहे लोगों को अमेरिकी वीजा के लिए मना किया जा सकता है.

इन बीमारी से ग्रसित लोगों को नहीं मिलेगा वीजा

दरअसल, ट्रंप सरकार की तरफ से गुरुवार को जारी किए गए एक निर्देश के अनुसार अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन करने वाले विदेशी नागरिकों को हृदय रोग, श्वसन रोग, कैंसर, डायबिटीज, मोटापा, न्यूरोलॉजिकल और मेंटल हेल्थ जैसी दिक्कतों की वजह से उन्‍हें वीजा नहीं दिया  जा सकता है. इससे संबंधित विभाग को लगता है कि इन बीमारियों से ग्रसित लोग दूसरों के लिए बोझ बन सकते हैं. साथ ही अमेरिकी संसाधनों पर भी इसका बुरा असर होगा. इसलिए अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास को ये निर्देश दिया गया है.

इस प्रक्रिया में भी होगा बदलाव

अमेरिकी मीडिया की माने तो ये दिशानिर्देश दोनों दूतावास को केबल के जरिए भेजा गया. हालांकि, अमेरिकी वीजा के लिए पहले भी हेल्थ कंडीशन की जानकारी ली जाती थी, लेकिन अब नए दिशा निर्देश के बाद इस प्रक्रिया में भी बदलाव होंगे. केबल में कहा गया कि “आपको आवेदक के स्वास्थ्य पर विचार करना होगा. कुछ मेडिकल कंडीशन, जिनमें हृदय रोग, श्वसन रोग, कैंसर, डायबिटीज, मोटापा, न्यूरोलॉजिकल और मेंटल हेल्थ कंडिशन समेत अन्य बीमारियां शामिल हैं, इनके लिए लाखों डॉलर की देखभाल की आवश्यकता हो सकती है.”

परिवार के भी हेल्‍थ का लिया जाएगा अपडेट

वहीं, वीजा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह आकलन करें कि जिस शख्स ने वीजा का आवेदन किया है, वह अपने इलाज का खर्च उठाने में सक्षम है या नहीं. साथ ही वीजा के लिए आवेदन डालने वाले शख्स के परिवार के हेल्थ का अपडेट लिया जाएगा. इसे लेकर गैर लाभकारी कानूनी सहायता समूह कैथोलिक लीगल इमिग्रेशन नेटवर्क के एक वरिष्ठ वकील चार्ल्स व्हीलर ने कहा है कि ये दिशानिर्देश सभी वीजा के लिए हैं, लेकिन इनका उपयोग केवल स्थायी निवास के मामलों में ही किया जाएगा.

व्हीलर ने कहा, “यह चिंताजनक है क्योंकि वीजा अधिकारी मेडिकल में प्रशिक्षित नहीं हैं, उन्हें इस क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है और उन्हें अपने व्यक्तिगत ज्ञान के आधार पर अनुमान नहीं लगाना चाहिए.”

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