ट्रंप के आते ही लौटा सख्ती का दौर, अमेरिका में अब इन 12 देशों की नो एंट्री

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

US News: अमेरिका की राजनीति में डोनाल्ड ट्रंप के वापस आते ही सख्ती का दौर भी लौट आया है. विदेशी आतंकियों से देश की सुरक्षा का हवाला देकर ट्रंप प्रशासन ने अब 12 देशों के नागरिकों पर अमेरिका में एंट्री पर प्रतिबंध लगा दी है. इस कदम को ट्रंप की इमिग्रेशन विरोधी नीति का हिस्सा माना जा रहा है. इससे दुनियाभर में बहस छिड़ गई है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के तहत 12 देशों के नागरिक अब अमेरिका में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. यह नया ट्रैवल बैन अब लागू हो गया है. जिन देशों पर पूरी तरह बैन लगा है, उनमें अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सूडान, सोमालिया और यमन शामिल हैं.

इन सात पर भी आंशिक प्रतिबंध

इसके अलावा सात और देशों पर भी आंशिक प्रतिबंध लगा है. इन देशों में बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला शामिल हैं. इन देशों के नागरिकों को कुछ मामलों में अमेरिका में आने की इजाजत नहीं मिलेगी. डोनाल्‍ड ट्रंप का कहना है कि इन देशों से जुड़े लोगों की पहचान करना मुश्किल है और इनमें आतंकवादियों की मौजूदगी अधिक है.

प्रतिबंध पर क्या बोले ट्रंप?

राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ये पाबंदी इसलिए जरूरी हैं क्योंकि कुछ देश वीज़ा सिक्योरिटी में सहयोग नहीं करते, उनके पास यात्रियों का रिकॉर्ड ठीक से नहीं होता और कई बार लोग अमेरिका में आकर निर्धारित समय से ज्यादा रुक जाते हैं. उन्होंने कोलोराडो के बाउल्डर में हुए हालिया पेट्रोल बम हमले का उदाहरण भी दिया, हालांकि हमलावर जिस देश से था, वह इस प्रतिबंधित लिस्ट से बाहर है.

कई देशों में नाराजगी

इन प्रतिबंधों को लेकर कई देशों में नाराज़गी देखने को मिल रहा है. चाड के राष्ट्रपति ने तो जवाब में अमेरिकी नागरिकों को वीजा देना बंद करने की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि चाड के पास ना विमान हैं, ना अरबों डॉलर, लेकिन हमारे पास सम्मान है. उधर अफगान नागरिक जो अमेरिका में बसने की उम्मीद कर रहे थे, अब डरे हुए हैं कि उन्हें तालिबान के बीच वापस लौटना पड़ सकता है.

अमेरिका में भी आलोचना

इस फैसले की अमेरिका में भी आलोचना हो रही है. डेमोक्रेट सांसद रो खन्ना ने इसे क्रूर और असंवैधानिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि हर किसी को शरण मांगने का अधिकार है. हालांकि ट्रंप समर्थकों का कहना है कि यह फैसला अमेरिका की सुरक्षा के लिए आवश्‍यक है. अब देखना होगा कि यह ट्रैवल बैन अमेरिका की इमिग्रेशन पॉलिसी को किस दिशा में लेकर जाता है.

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