7 मई को वेटिकन में शुरू होगा दुनिया का सबसे रहस्यमयी चुनाव, काला और सफेद धुआं तय करेगा परिणाम

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Vatican Pope Election: पोप फ्रांसिस के निधन के बाद वेटिकन में 7 मई को एक सीक्रेट सभा शुरू होने वाली है. वेटिकन की इस गुप्त सभा को दुनिया का सबसे रहस्यमय चुनाव माना जाता है, क्‍योंकि इस मीटिंग में क्‍या होता है कभी किसी बाहरी को पता नहीं चलता है. सामान्‍य तौर पर यह आयोजन सिस्टिन चैपल के बंद दरवाज़ों के पीछे किया जाएगा.

आमतौर यह मीटिंग कई दिनों तक चलता है और कुछ मामलों में हफ़्तों तक भी चलता है.  दुनिया भर के कार्डिनल आध्यात्मिक, राजनीतिक और वैश्विक महत्व के इस आयोजन में दुनिया के 1.4 बिलियन कैथोलिकों के नेता, 267वें पोप का चयन करेंगे. बता दें कि 12 साल तक पोप के पद पर रहने के बाद 21 अप्रैल को 88 साल की उम्र में फ्रांसिस का निधन हो गया था.

गुप्त सभा को दुनिया का सबसे रहस्यमय चुनाव माना जाता

कॉन्क्लेव शब्द लैटिन शब्द कॉन क्लैविस से आया है, जिसका तात्पर्य चाबी से है. ये कार्डिनल्स को तब तक बंद रखने की परंपरा का संदर्भ है जब तक कि एक नया पोप नहीं चुना जाता. इस दौरान 133 कैथोलिक कार्डिनल्स सिस्टीन चैपल में बंद होकर पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे. हर कार्डिनल बाइबिल पर शपथ लेते है कि वो इस प्रक्रिया की एक भी डिटेल जीवन भर किसी को नहीं बताएंगे.

काला और सफेद धुआं तय करता है परिणाम

पोप कॉन्क्लेव बुधवार को वेटिकन के अपोस्टोलिक पैलेस या पापल पैलेस में स्थित सिस्टिन चैपल में शुरू होने वाला है. सिस्टिन चैपल में मतदान के प्रत्येक दो चरण के बाद सभी कार्डिनल के मतपत्रों को एक विशेष भट्टी में जलाया जाता है और इससे निकलने वाला धुआं बाहरी दुनिया को परिणाम का संकेत देता है. यदि किसी उच्च पादरी को पोप नहीं चुना जाता है, तो मतपत्रों में पोटेशियम परक्लोरेट, एन्थ्रेसीन (कोयला टार का एक घटक) और सल्फर युक्त ‘कार्ट्रिज’ मिलाए जाते हैं, ताकि काला धुआं निकले. लेकिन अगर किसी का चुनाव होता है, तो जलते हुए मतपत्रों में पोटेशियम क्लोरेट, लैक्टोज और क्लोरोफॉर्म मिलाए जाते हैं, ताकि सफेद धुआं उत्पन्न हो.

बता दें कि इससे पहले 13 मार्च, 2013 को पांचवें मतपत्र पर चिमनी से सफेद धुआं निकला और कार्डिनल जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो को सेंट पीटर बेसिलिका के बरामदे से कुछ समय बाद पोप फ्रांसिस के रूप में दुनिया के सामने पेश किया गया.

क्‍या होता है कॉन्क्लेव के पहले दिन?

कॉन्क्लेव के पहले दिन सुबह 10 बजे (08:00 GMT) दिन की शुरुआत प्रो एलिगेंडो पोंटिफ़िस से होती है, जिसका अर्थ है रोमन पोंटिफ़ के चुनाव के लिए, सेंट पीटर बेसिलिका में कार्डिनल्स कॉलेज के डीन के नेतृत्व में एक सार्वजनिक मास. यह एक गंभीर प्रार्थना है जिसमें पवित्र आत्मा से नए पोप के चयन में चर्च का मार्गदर्शन करने के लिए कहा जाता है.

4:30 बजे (14:30 GMT) बजे के करीब 135 कार्डिनल इलेक्टर्स सिस्टिन चैपल के पास पॉलीन चैपल में इकट्ठा होते हैं और प्रेयर करते हैं. यह कैथोलिक चर्च की एक प्राचीन प्रार्थना है जिसमें संतों का नाम एक तरह से रोल कॉल यानी एक एक कर लिया जाता है. इसके बाद वे वेनी क्रिएटर स्पिरिटस का जाप करते हैं और सिस्टिन चैपल में प्रवेश करते हैं.

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