2025 में हैजा की चपेट में 31 देश, डब्ल्यूएचओ ने जाहिर की चिंता, कहा- लगातार बढ़ रहा प्रकोप

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

WHO report: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से शनिवार को जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय दुनियाभर में हैजा एक बड़ी समस्या बना हुआ है. इसका इलाज मौजूद होने के बाद भी 2023-24 के मुकाबले 2025 में 31 देश इसका प्रकोप झेल रहे हैं.

डब्‍ल्‍यूएचओ के रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 की तुलना में 2024 में इस बीमारी से होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं, लगातार दूसरे साल भी इस बीमारी से 6000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जबकि इसके मामलों में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. ये आकड़े चिंताजनक तो है, लेकिन, हैजा के वास्‍तविक बोझ को कम करके आकते है.

कैसे फैलता है हैजा

बता दें कि हैजा विब्रियो कोलेरा नामक जीवाणु से होने वाला एक रोग है, जो मल या दूषित पानी के माध्यम से तेजी से फैलता है. रिपोर्ट के मुताबिक, “संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या विस्थापन और पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में कमी हैजा के मामलों को बढ़ाती हैं.”

2025 में हैजा के मामलों में काफी तेजी से हुई वृद्धि

स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 के मुकाबले 2024 में इसके मामलों में काफी वृद्धि हुई है. वहीं, 2024 में भी 60 देशों में हैजा के मामले रिपोर्ट हुए जिनकी 2023 में दर 45 थी.वहीं, अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया इस बीमारी का वैश्विक बोझ उठाते रहे और कुल दर्ज मामलों में से 98 प्रतिशत इन्हीं देशों में दर्ज किए गए.

लगातार बढ़ रहा हैजा के प्रकोप का दायरा

WHO ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि साल 2024 से हैजा के प्रकोप का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है, 12 देशों में से प्रत्येक में 10,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें से 7 देशों में इस साल पहली बार बड़े पैमाने पर प्रकोप बढ़ा हैं. ऐसे में इस बीमारी से निपटने के लिए, सरकारों, दानदाताओं और समुदायों को यह सुनिश्चित करना होगा कि लोगों को सुरक्षित पानी और स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध हों, उन्हें अपनी सुरक्षा के बारे में सटीक जानकारी हो, और प्रकोप होने पर उपचार और टीकाकरण तक उनकी त्वरित पहुंच हो. मजबूत निगरानी और निदान इन प्रतिक्रियाओं को दिशा देने में मदद करेंगे. टीका उत्पादन में और निवेश की भी आवश्यकता है.”

6.1 करोड़ ओसीवी खुराकों का अनुरोध

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2024 की शुरुआत में ही हैजा के नए ओरल टीके यूविचोल-एस को अपनी पूर्व-योग्यता सूची में शामिल किया था. ऐसा करने से 2025 के पहले 6 महीनों के लिए औसत भंडार स्तर को 50 लाख खुराकों की आपातकालीन सीमा से ऊपर बनाए रखने में मदद मिली. हालांकि, ओसीवी की निरंतर उच्च मांग के कारण, दो-खुराक से एकल-खुराक व्यवस्था में अस्थायी परिवर्तन हुआ.

2024 में वैश्विक भंडार में 6.1 करोड़ ओसीवी खुराकों का अनुरोध किया गया, और 16 देशों में, एकल-खुराक अभियानों में आपातकालीन उपयोग के लिए रिकॉर्ड 4 करोड़ खुराकों को मंजूरी दी गई. हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 2024 और 2025 में आपूर्ति की कमी मांग से अधिक बनी रही.

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