Ram Mandir: अखिलेश, मायावती और औवेसी के लिए अयोध्या में कौन लगाएगा कुर्सी? जानिए किसने दिया बुलावा

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Ayodhya Ram Mandir: इस समय देश के कोने-कोने में राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है. इस बीच राम जन्मभूमि आंदोलन की अगुआ रहीं मध्य प्रदेश प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का बड़ा बयान सामने आया है. बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने राम मंदिर पर राजनीति कर रहे नेताओं से आव्हान किया है कि राम मंदिर के कार्यक्रम में वो सभी आये, अगर वो आते हैं तो वो खुद उनके लिए कुर्सी लगाएंगी.

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राम मंदिर राष्ट्र की प्रतिष्ठा

दरअसल, एक निजी चैनल के इंटरव्यू के दौरान फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने सारे विपक्षी दलों के नेताओं से कहा है कि वो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में आएं क्योंकि ये राष्ट्र प्रतिष्ठा है. उमा भारती ने विपक्षी दलों के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, मायावती, असदुद्दीन ओवैसी समेत राम मंदिर पर राजनीति कर रहे नेताओं से आव्हान किया है कि राम मंदिर के कार्यक्रम में वो सभी आये, अगर वो आते हैं तो वो खुद उनके लिए कुर्सी लगाएंगी. क्योंकि ये राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा नहीं, राष्ट्र आत्म-सम्मान की प्राणप्रतिष्ठा है.

वोट का विषय नहीं अयोध्या

कार सेवा की अहम कड़ी और फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने कहा कि मुझे राम जन्मभूमि न्यास की तरफ से पहले ही बुलावा आ चुका है और मैं 18 जनवरी से ही वहां रहूंगी. उन्होंने ये भी कहा कि अयोध्या हमारे लिए कभी भी वोट का विषय नहीं है. राम लला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं बल्कि ये राष्ट्र के आत्मसम्मान की प्राण प्रतिष्ठा है.

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बाबरी मस्जिद के लिए कांग्रेस जिम्मेदार

फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने राम मंदिर विवाद की जड़ पंडित जवाहर लाल नेहरू को बताया है. उन्होंने कहा कि 1949 में जवाहर लाल नेहरू वोटों के खातिर अंग्रेजों की नीति पर चले. डिवाइड एंड रूल (फूट डालो और राज करो) की नीति के तहत मंदिर पर ताला डलवाया. इसके बाद 1992 के ढांचा गिराने की घटना के लिए नेहरू और कांग्रेस जिम्मेदार है. उमा भारती ने राम जन्मभूमि आंदोलन को याद करते हुए कहा कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान जेल से निकलने के लिए उन्होंने सिर मुड़वाकर पहचान बदलकर बाहर निकली और अयोधया पहुंची थी.

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