2026 तक पूर्वोत्तर में अंतरदेशीय जलमार्गों के लिए 1,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश करेगी केंद्र सरकार: सर्बानंद सोनोवाल

Shivam
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केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) ने कहा कि सरकार असम और पूर्वोत्तर में मजबूत जलमार्ग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रही है, जिसके तहत 1,000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिन्हें 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है. पिछले दो सालों में 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है, जिसमें 300 करोड़ रुपए की परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं.

क्‍या बोले केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ?

केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ असम और पूर्वोत्तर में चल रही परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा, हम 2025 के अंत तक शेष 700 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. उन्‍होंने पीएम मोदी के विकसित भारत के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया. सोनोवाल ने कहा, पूर्वोत्तर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इस क्षेत्र में हमारे काम को विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, इन प्रयासों का उद्देश्य कार्गो और यात्री आवागमन को बढ़ावा देना, लास्ट मील कनेक्टिविटी में सुधार करना, पूर्वोत्तर में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ सस्टेनेबल और समावेशी परिवहन समाधान प्रदान करना है. केंद्र सरकार ब्रह्मपुत्र (राष्ट्रीय जलमार्ग-2) और बराक (राष्ट्रीय जलमार्ग-16) के साथ प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को सक्रिय रूप से विकसित कर रही है, जिसमें विभिन्न क्षमताओं के यात्री जहाजों का निर्माण, टर्मिनल सुविधाएं और क्षमता निर्माण पहल शामिल हैं.
मंत्री सोनोवाल ने दोयांग झील में प्रस्तावित अंतरदेशीय जल परिवहन परियोजना की प्रगति की भी समीक्षा की और वाटर स्पोर्ट्स और पर्यटन के लिए नागालैंड में नौने और शिलोई झीलों की क्षमता का आकलन किया. मिजोरम में तियावंग और चिमतुईपुई नदियों तथा मेघालय की उमियाम झील और उम्मगोट नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग-106) पर भी अंतरदेशीय जल परिवहन परियोजनाओं के विकास की संभावनाओं की समीक्षा की गई.
उन्‍होंने कहा, पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ‘विकसित भारत’ की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है. असम और पूर्वोत्तर इस प्रगति के केंद्र में हैं, जहां अंतरदेशीय जलमार्ग अहम भूमिका निभा रहे हैं. 2014 के बाद से मोदी सरकार ने विशेष रूप से ब्रह्मपुत्र (राष्ट्रीय जलमार्ग-2) और बराक (राष्ट्रीय जलमार्ग-16) नदियों के माध्यम से इस उपेक्षित परिवहन साधन को पुनर्जीवित किया है. उन्होंने आगे कहा, जलवाहक जैसे कार्यक्रम व्यवसायों को इस किफायती, कुशल और पर्यावरण-अनुकूल साधन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिससे सड़क और रेल पर दबाव कम हो रहा है और असम को 2047 तक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की ओर भारत की यात्रा में एक प्रमुख प्रेरक के रूप में स्थापित किया जा रहा है.
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