विकसित भारत के लिए पूर्वी भारत का विकास होना जरूरी…राइजिंग नार्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट में बोले PM मोदी

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Rising Northeast Investors Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत मंडपम में ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने ईस्ट का मतलब समझाते हुए कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए पूर्वी भारत का विकास होना बहुत जरूरी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब मैं राइजिंग नॉर्थ इन्‍वेस्‍टर्स समिट के इस भव्‍य मंच पर हूं तो मन में गर्व है, आत्‍मीयता है, अपनापन है और सबसे बड़ी बात है कि भविष्‍य को लेकर अपास विश्‍वास है.

नॉर्थ ईस्‍ट में इन्‍वेस्‍टमेंट का मना रहे उत्‍सच

पीएम मोदी ने कहा कि अभी कुछ ही महीने पहले यहां भारत मंडपम में हमने अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया था. आज हम यहां नॉर्थ ईस्ट में इन्वेस्टमेंट का उत्सव मना रहे हैं. यहां इतनी बड़ी संख्या में इंडस्ट्री लीडर आए हैं. ये दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नए-नए सपनें हैं.

पीएम मोदी ने नॉर्थईस्ट के आठों राज्यों को ‘अष्टलक्ष्मी’ कहकर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम देश की समृद्धि के आठ रूप हैं. मोदी ने कहा कि पूर्व सिर्फ दिशा नहीं है, बल्कि इसका मतलब है  सशक्त बनाना, मजबूत करना और बदलाव लाना. कहा कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का सपना तभी पूरा हो सकता है, जब नॉर्थईस्‍ट के राज्‍य भी तेजी से आगे बढ़ें.

अब सीमांत नहीं, विकास का इंजन है नॉर्थईस्ट

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि एक समय था जब पूर्वोत्तर को सिर्फ सीमांत इलाका माना जाता था. वहां बम, बंदूक और हिंसा की पहचान थी. लेकिन आज वही नॉर्थईस्ट विकास में सबसे आगे खड़ा है. उन्होंने बताया कि पिछले 10 साल में 10 हजार से ज्यादा युवाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है और विकास से जुड़ चुके हैं. उन्‍होंने कहा कि अब नॉर्थईस्ट में शांति है और यहां निवेश का नया दौर शुरू हो चुका है. बीते कुछ सालों में शिक्षा के क्षेत्र में 21 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया है. सरकार का ध्यान पूर्वोत्तर की विकास यात्रा को गति देने पर है.

नॉर्थईस्ट सिर्फ पहचान नहीं, प्रेरणा है: पीएम

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज नॉर्थईस्ट सिर्फ एक क्षेत्र नहीं है, बल्कि दुनियाभरा    के लिए एक प्रेरणा बन चुका है. यहां से हम समृद्धि, संस्कृति, शिक्षा और आत्मनिर्भरता का नया मॉडल देख रहे हैं. पूर्वोत्तर भारत अब देश के विकास में पीछे नहीं, बल्कि आगे है. सरकार का फोकस इसे निवेश, शिक्षा, पर्यटन और रोजगार के नए केंद्र के रूप में आगे बढ़ाना है.

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