S-400 और BrahMos का कमाल भारत-रूस की रक्षा साझेदारी को करेगा और भी मजबूत: रूसी राजदूत    

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India-Russia Relation: भारत और रूस आने वाले समय में अपनी रणनीतिक साझेदारी को और भी गहरा करने जा रहे हैं, जिसकी पुष्टि भारत में मौजूद रूसी राजदूत ने की. उन्‍होंने बताया कि भारत और रूस के बीच एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की और इकाइयों की खरीद को लेकर बातचीत चल रही है क्योंकि दोनों देश अपनी रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ कर रहे हैं.

रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने यह भी बताया कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के दौरान भारत द्वारा एस-400 प्रणाली और रूस के साथ संयुक्त रूप से निर्मित ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग किया गया और इनकी प्रदर्शन क्षमता उत्कृष्ट रही.

एस-400 प्रणाली को मिला पाक ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने का श्रेय

बता दें कि भारत पाकिस्‍तान सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने का श्रेय एस-400 प्रणाली को दिया गया है. ऐसे में रूसी राजदूत का कहना है कि जहां तक हमें जानकारी है, भारत ने स्पष्ट रूप से अपने लक्ष्यों को परिभाषित किया और आतंकवादियों की पहचान करने के बाद कार्रवाई की. इस अभियान के दौरान एस-400 प्रणाली का उपयोग किया गया और ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात की गईं, दोनों ही हथियारों ने उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन किया.

कई द्विपक्षीय परियोजनाओं में साझेदार भारत और रूस

दरअसल, भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक और व्यापक सहयोग रहा है. दोनों देश कई द्विपक्षीय परियोजनाओं में साझेदार हैं, जिनमें एस-400 की आपूर्ति, T-90 टैंकों और Su-30 MKI का लाइसेंसधारी उत्पादन, MiG-29 और कामोव हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति, आईएनएस विक्रमादित्य (पूर्व में एडमिरल गोर्शकोव), AK-203 राइफल का भारत में निर्माण और ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना शामिल हैं.

रूस से और एस-400 प्रणालियां खरीद सकता है भारत

जानकारों का मानना है कि रणनीतिक योजना और सैन्य तैयारियों को देखते हुए भारत निकट भविष्य में और अधिक एस-400 प्रणालियां खरीद सकता है. हालांकि रूसी राजदूत अलीपोव ने पुष्टि की है कि इस विशेष विषय पर तथा और अन्य कई विषयों पर, हमारी चर्चा चल रही है. यह एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन इसके परिणामों के बारे में बात करना मेरे लिए अनुचित और समय से पूर्व होगा. साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा है कि रूस ‘मेक इन इंडिया’ ब्रह्मोस मिसाइलों से “बहुत संतुष्ट” है, जो भारत-रूस की संयुक्त परियोजना का हिस्सा है.

रूसी राजदूत ने कहा कि हमारे पास एक संयुक्त उद्यम है, जो इन हथियारों को डिजाइन और उत्पादन करता है. इस सहयोग के परिणामों से हम बहुत संतुष्ट हैं. इसका भविष्य बहुत आशाजनक है और हम इस दिशा में विस्तार करना चाहते हैं.

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