प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना को दोहराते हुए कहा है कि भारत अपने स्वतंत्रता के 100 वर्षों के अवसर तक एक विश्व नेतृत्वकर्ता राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने देश की रणनीतिक सोच, वैश्विक शक्ति संतुलन से निपटने के दृष्टिकोण, व्यापारिक चुनौतियों का समाधान और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को प्राथमिकता देने की बात कही. पीएम मोदी ने भारत की इस यात्रा में घरेलू उद्योगपतियों के साथ-साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसे वैश्विक सहयोगियों के समर्थन को भी महत्वपूर्ण बताया.
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी आंदोलन के जरिए भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि नवाचार और निर्माण का वैश्विक केंद्र बनने की राह पर है. पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब वैश्विक व्यापार और रणनीतिक संबंधों में सक्रिय और निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार है. उन्होंने विश्व मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि यह 21वीं सदी भारत की है और आने वाले वर्षों में देश को विकसित राष्ट्रों की सूची में शीर्ष पर लाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा. ‘विकसित भारत 2047’ केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि हर भारतीय का साझा सपना है — जिसमें औद्योगिक प्रगति, सामाजिक समरसता और वैश्विक सम्मान तीनों शामिल हैं.