Israel Military Strikes: ईरान पर इजरायल के हमलों के बाद पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने पर गंभीर चिंता व्यक्त की. इसके साथ ही उन्होंने 13 जून को ईरान पर किए गए इजरायल हमले की निंदा की, लेकिन भारत ने इससे दूरी बनाई रखी. साथ ही लगातर बढ़ रहे इस तनाव कम करने के लिए बातचीत और कूटनीति का आग्रह किया.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस मामले में भारत ने अपनी स्थिति 13 जून को ही स्पष्ट कर दी थी और यह वही है. उन्होंने कहा कि हम आग्रह करते हैं कि तनाव कम करने की दिशा में काम करने के लिए बातचीत और कूटनीति के चैनलों का उपयोग किया जाना चाहिए और यह आवश्यक है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उस दिशा में प्रयास करे.
एससीओ ने की इजरायली हमले की निंदा
दरअसल, एससीओ सदस्य देशों द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि “शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देश मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं और 13 जून, 2025 को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के क्षेत्र पर इजरायल द्वारा किए गए सैन्य हमलों की कड़ी निंदा करते हैं.
वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा
उन्होंने आगे कहा कि ऊर्जा और परिवहन अवसंरचना समेत नागरिक लक्ष्यों के खिलाफ़ इस तरह की आक्रामक कार्रवाइयां (जिसके परिणामस्वरूप नागरिक हताहत हुए हैं) अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन है. वे ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन करते हैं, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाते हैं, और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए गंभीर जोखिम पैदा करते हैं.
शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान
इतना ही नहीं, एससीओ के सदस्य देशों ने ईरान के लोगों और सरकार के प्रति संवेदना व्यक्त की. साथ ही शांतिपूर्ण, राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित स्थिति के समाधान का आह्वान किया. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि एससीओ सदस्य देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित स्थिति के शांतिपूर्ण, राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से समाधान की दृढ़ता से वकालत करते हैं. एससीओ सदस्य देश इस्लामी गणराज्य ईरान के लोगों और सरकार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं.
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