Axiom-4 Mission: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा Axiom-4 मिशन को लॉन्च कर दिया है. ऐसे में अब भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को लेकर स्पेस X का ड्रैगन कैप्सूल अंतरिक्ष की ओर रवाना हो चुका है. बता दें कि ‘एबॉर्ट मोड 2 अल्फा’ में पहुंच चुका ये मिशन को मंगलवार दोपहर अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया, जिसे 28 घंटे में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉक करना है. यह ऐतिहासिक मिशन भारत के अंतरिक्ष सफर में नया अध्याय जोड़ेगा.
वहीं, उड़ान भरने से पहले शुभांशु शुक्ला ने स्पेसक्राफ्ट के अंदर से कहा कि ये मेरी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक की जर्नी की शुरुआत नहीं है, ये भारत की ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत है. Axiom-4 मिशन न सिर्फ भारत के लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए निजी स्पेस एक्सप्लोरेशन के नए युग की शुरुआत है. शुभांशु शुक्ला का यह मिशन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा.
कब और कहां से लॉन्च हुआ Axiom-4
स्थान: कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा (कॉम्प्लेक्स 39A)
समय: दोपहर 12:00 बजे (IST)
डॉकिंग: 26 जून, शाम 4:30 बजे ISS से जुड़ने की संभावना
यात्रा अवधि: लगभग 28 घंटे
मिशन अवधि: करीब 14 दिन
Watch Falcon 9 launch Dragon and @Axiom_Space's Ax-4 mission to the @Space_Station https://t.co/OJYRpM5JCF
— SpaceX (@SpaceX) June 25, 2025
क्या है Axiom-4 का उद्देश्य?
यह मिशन Axiom Space एक अमेरिकी निजी एयरोस्पेस कंपनी, द्वारा संचालित है, जिसका उद्देश्य ISS पर वैज्ञानिक प्रयोग करना और भविष्य के वाणिज्यिक स्पेस स्टेशन की दिशा में तैयारी करना. बता दें कि पृथ्वी से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक की दूरी मात्र 400 किलोमीटर है, लेकिन यह अंतरिक्ष में यह दूरी तय करने में पृथ्वी के मुकाबले छहगुने से भी अधिक का समय लग सकता है. क्योंकि 27,800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की परिक्रमा करता है. यानी अंतरिक्ष स्टेशन प्रत्येक 90 मिनट में धरती का एक चक्कर लगाता है.
ऐसे में किसी भी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण को मात देने और कक्षा में प्रवेश करने के लिए बहुत तेज़ गति से यात्रा करनी होती है. संक्षेप में ये कह सकते हैं कि, 400 किलोमीटर की दूरी कम लग सकती है, लेकिन अंतरिक्ष में यात्रा करने के लिए आवश्यक गति, मार्गदर्शन, और सुरक्षा आवश्यकताओं के कारण इसमें कई घंटे लगते हैं.
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