Varanasi: वाराणसी के विकास को गति देने के लिए योगी सरकार मूलभूत ढांचे में तेजी से सुधार कर रही है। इसमें यातायात की रफ़्तार बनाए रखना प्रमुख है। इसके लिए डबल इंजन सरकार वाराणसी में रोपवे का निर्माण करा रही है। देश के पहले शहरी सार्वजनिक परिवहन रोपवे का निर्माण वाराणसी में चल रहा है। इसके संचालन के बाद काशी विश्व का तीसरा स्थान होगा, जहां ये सुविधा होगी। कैंट रेलवे स्टेशन पर आने वाले पर्यटक अब पहले से 65 प्रतिशत कम समय में बाबा विश्वनाथ के समीप गोदौलिया चौराहे तक पहुंच जाएंगे। वहीं रोपवे द्वारा कैंट से रथयात्रा पहुंचने में मात्र साढ़े छह मिनट का समय लगेगा। वाराणसी में रोपवे का निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी बर्थोलेट कर रही है।
रेल, सड़क और हवाई जहाज की बेहतर कनेक्टिविटी और मूलभूत ढांचे में सुधार के कारण काशी आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बढ़ते हुए ट्रैफिक के लिए रोपवे परिवहन मील का पत्थर साबित होगा। पर्यटक अब कैंट रेलवे स्टेशन से बाबा विश्वनाथ के द्वार कुछ मिनटों में पहुंचेंगे। काशी आने वाले पर्यटकों को रोपवे अब सुगम और तेज परिवहन के रूप में मिलेगा। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक रोपवे से कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे, विश्वनाथ मंदिर के पास की यात्रा करीब 15 मिनट में तय होगी, जो पहले सड़क परिवहन से लगभग 45 मिनट में तय होती थी। इस यात्रा से परिवहन के अन्य साधनों के मुकाबले पहले से लगभग 65 फीसदी कम समय लगेगा। रोपवे द्वारा कैंट से रथयात्रा की दूरी 2.4 किलोमीटर है। इसे तय करने में लगभग 6.51 मिनट लगेगा।
रोपवे के संचालन से जाम की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी। कैंट से गोदौलिया तक हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गोंडोला उपलब्ध रहेगा। रोपवे द्वारा कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक की दूरी लगभग 3.85 किलोमीटर है। रोपवे का 148 गंडोला, 29 टावरों के सहारे ,45 से 50 मीटर ऊँचे हवाई मार्ग से चलेगा। एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं। एक दिशा में एक घंटे में 3,000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानि 6,000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे। रोपवे का संचालन 16 घंटे होगा। रोपवे से यात्रा के लिए 4 स्टेशनों का निर्माण हो रहा है। जिसमे कैंट, विद्यापीठ, रथयात्रा और गोदौलिया रोपवे स्टेशन है।