एयरपोर्ट सुरक्षा को बेहतर और यात्रियों के लिए आसान बनाने की दिशा में CISF की बड़ी पहल

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
देशभर के हवाई अड्डों की सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ और यात्री-मित्र बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने एक उच्च स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला 27 जून 2025 को CISF एयरपोर्ट सेक्टर मुख्यालय में आयोजित की गई, जिसमें देश के 69 से अधिक एयरपोर्ट्स के सुरक्षा प्रमुखों, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA), DGCA, BCAS, AAI, दिल्ली पुलिस, इमिग्रेशन ब्यूरो, SPG, NSG, DIAL, एयर इंडिया एक्सप्रेस, इंडिगो सहित कई अहम एजेंसियों और एयरलाइंस के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

यात्रियों को क्या मिलेगा फायदा?

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य एयरपोर्ट सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ उसे अधिक स्मार्ट, तकनीकी और यात्रियों के अनुकूल बनाना था।

1. तकनीक से होगी तेज़ और सुगम चेकिंग प्रक्रिया

सुरक्षा जांच को तेज़ और सहज बनाने के लिए बायोमेट्रिक AEP, फेसियल रिकग्निशन, CCTV, ANPR और FASTag जैसी तकनीकों के समन्वय पर चर्चा हुई। इससे यात्रियों को प्रवेश और चेकिंग में कम समय लगेगा और लंबी कतारों से राहत मिलेगी।

2. प्रशिक्षित स्टाफ, एक समान अनुभव

“Training Synergy Among Stakeholders” यानी एयरलाइन क्रू से लेकर सुरक्षा कर्मियों तक सभी के लिए साझा प्रशिक्षण पर ज़ोर दिया गया। इससे देश के किसी भी हवाई अड्डे पर यात्रियों को एक जैसा पेशेवर अनुभव मिलेगा।

3. छोटे शहरों में खुलेंगे सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान

छोटे शहरों में Aviation Security Training Institutes (ASTIs) खोलने की योजना भी बनी, ताकि एयर ट्रैवल की बढ़ती मांग के साथ सुरक्षा मानकों को बराबरी से बनाए रखा जा सके।

4. VIP और विशिष्ट अतिथियों की सुरक्षा होगी और मज़बूत

ड्रोन विरोधी रणनीति, इनसाइडर थ्रेट चेक और लेयर आधारित सुरक्षा मॉडल को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में ठोस योजनाएं बनीं। इससे VIP मूवमेंट भी प्रभावी लेकिन न्यूनतम व्यवधान के साथ हो सकेगा।

5. यात्री शिकायतों के समाधान में संवेदनशीलता

Passenger Grievance Redressal Mechanism की समीक्षा करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि शिकायतों के समाधान में प्रॉम्प्ट रिस्पॉन्स, मानवीय व्यवहार और रीयल टाइम समाधान को प्राथमिकता दी जाए। AirSewa जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के प्रभावी उपयोग पर भी बल दिया गया।

6. रिस्क असेसमेंट और AI आधारित विश्लेषण

सुरक्षा जोखिमों की पहचान के लिए AI, डेटा एनालिटिक्स और मॉडर्न टेक्नोलॉजी के बेहतर उपयोग पर गहन विचार हुआ, ताकि किसी भी खतरे की पहले से पहचान कर प्रभावी कदम उठाए जा सकें।

सुरक्षा का भविष्य: साझा सोच, साझा संकल्प

CISF एयरपोर्ट सेक्टर के विशेष महानिदेशक श्री प्रवीर रंजन ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य और एविएशन में हो रही घटनाओं को देखते हुए यह कार्यशाला समयानुकूल है। उन्होंने इंटर एजेंसी डिबेट्स के ज़रिए निरंतर ज्ञान-वृद्धि की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
IG एयरपोर्ट सेक्टर-I, CISF श्री विजय प्रकाश ने कहा कि “संपूर्ण तालमेल, इंटेलिजेंस-आधारित कार्यवाही और तकनीकी समन्वय” ही बदलते खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने का सबसे मजबूत आधार हैं।
DGCA के DG श्री फैज़ अहमद किदवई, जो विशेष आमंत्रित अतिथि थे, ने कहा कि नियामक, ऑपरेटर और सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग से ही यात्री अनुभव सुरक्षित और सहज बनेगा।
IG APS-II, CISF श्री जोस मोहन ने समापन भाषण में कहा,“ एविएशन सुरक्षा का मानकीकरण तभी संभव है जब सभी हितधारक नवाचार, सहयोग और निरंतर सुधार के लिए प्रतिबद्ध हों। यह कार्यशाला कोई अंत नहीं, बल्कि सुरक्षा के एक नए युग की शुरुआत है।”
Latest News

PM मोदी ने ISS पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने की बात

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अतंरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्‍टेशन पर मौजूद भारतीय एस्‍ट्रोनॉट शुभांशु शुक्‍ला से बात...

More Articles Like This