China Space Plan: चीन ने अपने अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजने की दिशा में एक और बड़ी सफलता हासिल की है. दरअसल, चीन ने अपने नए चंद्र मिशन “मेंगझोउ” के रिटर्न कैप्सूल का सफल एस्केप टेस्ट किया है. इस परीक्षण के दौरान मेंगझोउ के कैप्सूल को एस्केप टॉवर से सफलतापूर्वक अलग किया गया.
हालांकि यह परीक्षण इसलिए भी अहम है क्योंकि यह तकनीक आपातकाल की स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है. बता दें कि साल 1998 के शेनझोउ मिशन के बाद यह चीन का दूसरा “जीरो-हाइट एस्केप फ्लाइट टेस्ट” था, यानी ऐसी स्थिति में जब यान जमीन से बहुत कम ऊंचाई पर होता है और इमरजेंसी में कैप्सूल को अलग करना पड़ता है.
मेंगझोउ: ‘सपनों का जहाज’
बता दें कि चीन का साल 2030 तक तीन अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य है, जिसमें मेंगझोउ (Mengzhou) चंद्र यान एक अहम भूमिका निभाने वाला है और यही वजह है कि इसका इसका नाम मेंगझोउ रखा गया है, जिसका अर्थ है “सपनों का जहाज”. इस यान की खासियत ये है कि इसके एस्केप और रेस्क्यू सिस्टम पूरी तरह अंतरिक्ष यान के अंदर ही लगे हैं, जबकि पहले के शेनझोउ मिशन में यह काम रॉकेट सिस्टम करता था. इसका मतलब है कि अंतरिक्ष यात्री अब ज्यादा सुरक्षित रहेंगे और सिस्टम अधिक आत्मनिर्भर है.
स्वदेशी सेंसर और मैकेनिकल सिस्टम का इस्तेमाल
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मिशन के एस्केप सिस्टम को चीन की एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉर्प (CASIC) की चौथी अकादमी ने स्वदेशी सेंसर और मैकेनिकल सिस्टम का उपयोग करके इसे विकसित किया गया है. साथ ही SRM (सॉलिड रॉकेट मोटर) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो ठोस ईंधन के जरिए थ्रस्ट यानी जोर पैदा करती है. वहीं, इस सिस्टम को रिटर्न कैप्सूल के ऊपरी हिस्से पर लगाया गया है, जिससे जरूरत पड़ने पर अंतरिक्ष यात्रियों को तुरंत सुरक्षित निकाला जा सके.
लॉन्ग मार्च 10A मिशन के लॉन्चिंग की तैयारी
CMSA के मुताबिक, अब अगला बड़ा मिशन 2026 में लॉन्ग मार्च 10A रॉकेट का लॉन्च होगा. यह मिशन भविष्य की तैयारियों में अहम भूमिका निभाएगा. वहीं, मेंगझोउ के एस्केप टेस्ट के बाद चीन के मानवयुक्त चंद्र मिशन की योजना अब और तेजी से आगे बढ़ेगी. वहीं, इससे पहले चीन ने मई 2023 में चांगई 6 नामक मानवरहित यान को चंद्रमा पर भेजा था.
चंद्रमा पर तीन बार लॉन्च और 2030 में लैंडिंग
दरअसल, अब CNSA की योजना है कि साल 2027 से 2030 के बीच तीन बार लॉन्ग मार्च 10 रॉकेट लॉन्च किया जाए. बता दें कि साल 2030 के मिशन के दौरान तीन अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाला यान चंद्रमा के पास जाकर एक लैंडर के साथ डॉक करेगा और फिर चांद की सतह पर उतरेगा.
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