India-Pakistan Tension: भारत द्वारा सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को स्थगित किए जाने के बाद पाकिस्तान पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रहा है, हालांकि इस मुद्दें पर बात करने के लिए कई बार उसने भारत से आग्रह भी किया है, लेकिन भारत ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि एक अच्छा पड़ोसी और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ बात होगी तो सिर्फ आतंकवाद पर. ऐसे में अब पाकिस्तान सरकार ने जल भंडारण क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है.
अपना जल भंडारण बनाएगा पाकिस्तान
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को राष्ट्रीय आपातकालीन परिचालन केंद्र के दौरे के समय जल समस्या पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘‘दुश्मन’’ जल संधि के खिलाफ कदम उठाना चाहता है. इसके लिए सरकार ने फैसला किया है कि हम अपना जल भंडारण बनाएंगे.’’
शहबाज शरीफ ने कहा कि दियामर बांध और अन्य संसाधनों का उपयोग करके ‘‘गैर-विवादास्पद जल भंडारण क्षमता’’ का निर्माण किया जाएगा. हम अगले कुछ वर्षों में अपने संसाधनों से इस क्षमता का निर्माण करेंगे. इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है.
इन नदियों पर निर्भर है पाकिस्तान
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल था.
दरअसल, पाकिस्तान की कृषि सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर बड़े पैमाने पर निर्भर है और पानी की दिशा मोड़ने का कोई भी प्रयास या यहां तक कि इसे अस्थायी रूप से रोकने का प्रयास भी देश के लिए विनाशकारी हो सकता है.