केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने मंगलवार को रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ELI) योजना को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य रोजगार सृजन को बढ़ावा देना, रोजगार क्षमता में सुधार लाना और विनिर्माण पर विशेष ध्यान देते हुए सभी क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना है. केंद्रीय बजट (Union Budget 2024-25) के हिस्से के रूप में घोषित की गई इस योजना का उद्देश्य अगस्त 2025 से जुलाई 2027 के बीच 35 मिलियन से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है, जिस पर 99,446 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक बयान के मुताबिक, कुल लाभार्थियों में से करीब 19 मिलियन कर्मचारी औपचारिक कार्यबल में पहली बार प्रवेश करने वाले कर्मचारी होने की उम्मीद है. इस योजना के तहत, नए कर्मचारियों को एक महीने का EPF वेतन मिलेगा- जिसकी अधिकतम सीमा 15,000 रुपये होगी – दो किस्तों में. केंद्र ने कहा, “पहली किस्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी.”
नियोक्ताओं का लाभ
योजना के तहत, अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखने वाले नियोक्ताओं को भी दो साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. विनिर्माण क्षेत्र में, यह लाभ चार साल तक बढ़ाया जाएगा. केंद्र ने कहा कि पात्र होने के लिए, नियोक्ताओं को कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाली फर्मों के लिए) या पाँच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या उससे अधिक वाली फर्मों के लिए) रखने होंगे, जिन्हें कम से कम छह महीने तक काम पर रहना होगा.
कर्मचारी के ईपीएफ वेतन के आधार पर नियोक्ताओं को प्रोत्साहन राशि प्रति अतिरिक्त कर्मचारी ₹1,000 से ₹3,000 प्रति माह तक होगी. सरकार का अनुमान है कि योजना के इस हिस्से से लगभग 26 मिलियन नौकरियाँ पैदा करने में मदद मिलेगी. सरकार ने कहा, “इस योजना का एक महत्वपूर्ण परिणाम करोड़ों युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करके देश के कार्यबल का औपचारिकीकरण भी होगा.”