Amarnath Yatra ने रचा भक्ति का नया इतिहास, 1.63 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन

Divya Rai
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Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा ने आस्था और भक्ति का एक नया इतिहास रच दिया है. 3 जुलाई से शुरू हुई इस पवित्र यात्रा में अब तक 1.63 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं. इसके साथ ही शनिवार को जम्मू से 6,639 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ.

1.63 लाख लोगों ने किए दर्शन

अधिकारियों ने बताया कि 3 जुलाई से (Amarnath Yatra 2025) शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में अब तक 1.63 लाख लोग बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं. आज 6,639 तीर्थयात्रियों का एक और समूह जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों के साथ कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ. अधिकारियों ने कहा कि 2,337 यात्रियों को लेकर 116 वाहनों का पहला सुरक्षा काफिला तड़के 2.50 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ, जबकि 4,302 यात्रियों को लेकर 161 वाहनों का दूसरा सुरक्षा काफिला तड़के 3.55 बजे नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुआ. पहलगाम में गुरुवार को ‘छड़ी मुबारक’ (भगवान शिव की पवित्र गदा) का भूमि पूजन किया गया.

सुरक्षा के किए हैं पुख्ता इंतजाम

इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी. 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत बढ़ाने के लिए लाया गया है. जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक के पूरे रास्ते और दोनों आधार शिविरों के रास्ते में सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया है.

नहीं उपलब्ध है हेलीकॉप्टर सेवा

सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत को बढ़ाने के लिए सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियां लाई गई हैं. पूरे मार्ग को सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित कर लिया गया है. पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं. तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं. वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है. सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है.

9 अगस्त को समाप्त होगी अमरनाथ यात्रा

अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का दिन है. श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे.

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