UK Immigration Policy: ब्रिटेन में स्थायी रूप से अपना आशियाना बनाने के लिए प्रवासियों को अब पहले से भी ज्यादा सख्त अंग्रेजी भाषा परीक्षण से गुजरना होगा. दरअसल, ब्रिटेन में पहले प्रवासियों को केवल जीसीएसई (GCSE) स्तर की बुनियादी अंग्रेजी भाषा ज्ञान की जरूरत होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब उन्हें फ्लुएंट इंग्लिश यानी धाराप्रवाह अंग्रेजी का ज्ञान होना चाहिए. इसके लिए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की अगुवाई वाली सरकार जल्द ही नई इमिग्रेशन पॉलिसी पेश करने जा रही है.
अब वीजा के लिए A-लेवल अंग्रेजी की जरूरत
सूत्रों के मुताबिक, इस नई इमिग्रेशन पॉलिसी के तहत अग्रेजी भाषा के मानक को बढ़ाकर A-लेवल (A-Level) कर दिया जाएगा. बता दें कि यह स्तर अंग्रेजी को विदेशी भाषा के रूप में पढ़ने वालों के लिए काफी ऊंचा माना जाता है.
ब्रिटेन के होम ऑफिस के अनुसार, नया मानक यह सुनिश्चित करेगा कि प्रवासी बिना हिचक के धाराप्रवाह और सहज तरीके से अंग्रेजी में बातचीत कर सकें. इसके साथ ही सामाजिक, पेशेवर और शैक्षणिक माहौल में प्रभावी संवाद स्थापित कर सकें.
प्रवासियों में भाषा दक्षता से बढ़ेगी नौकरी पाने की संभावना
हाल ही में सामने आए एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में नेट माइग्रेशन 2023 में रिकॉर्ड 7.28 लाख तक पहुंच गया है. ऐसे में सरकार की मंशा है कि देश में 90 लाख से ज्यादा बेरोज़गार नागरिकों को काम में लगाया जाए. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रवासियों में भाषा दक्षता से समाज में बेहतर घुलने-मिलने और नौकरी पाने की संभावना बढ़ेगी.
अन्य देशों पर क्या होगा इसका असर?
ब्रिटेन की यह नई इमिग्रेशन पॉलिसी भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ्रीकी देशों से आने वाले प्रवासियों पर असर डाल सकती है, जहां अंग्रेजी कई बार दूसरी या तीसरी भाषा होती है. वहीं, जानकारों का मानना है कि अंग्रेजी स्तर बढ़ाने की यह शर्त प्रवासियों को लंबे समय तक अनिश्चितता में डाल सकती है. इसके अलावा, इससे उन लोगों की संख्या में भी गिरावट आ सकती है जो ब्रिटेन में बसने की योजना बना रहे हैं.
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