भूकंप के झटके से हिली इस एशियाई देश की धरती, रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई तीव्रता

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Earthquake: मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान में रविवार तड़के भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई. यह झटका रात 01:01 बजे (भारतीय समयानुसार) दर्ज किया गया. जिससे लोग घरों से बाहर निकल आए. हालांकि अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन डर का माहौल बना हुआ है.

ताजिकिस्तान की संवेदनशीलता

इस तरह के उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं, क्योंकि पृथ्वी की सतह के करीब ऊर्जा अधिक तीव्रता से निकलती है, जिससे जमीन में तेज कंपन होता है और इमारतों को अधिक नुकसान होता है. इसके विपरीत, गहरे भूकंप सतह तक पहुंचने में अपनी ऊर्जा खो देते हैं.

ताजिकिस्तान एक पहाड़ी देश है, जिसकी स्थलाकृति विविध है और यह जलवायु संबंधी खतरों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है. यह भूकंप, बाढ़, सूखा, हिमस्खलन और भूस्खलन से ग्रस्त है. सबसे संवेदनशील क्षेत्र ग्लेशियर पर निर्भर नदी घाटियां हैं जो सिंचाई के लिए जलविद्युत और जल संसाधन प्रदान करती हैं, नाजुक पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र और पहाड़ी एवं नदी तटीय भूभाग वाले अलग-थलग जंगल हैं, जो इसे भूस्खलन और भूमि क्षरण के लिए संवेदनशील बनाते हैं. हाल में ताजिकिस्तान में आए भूकंप

ईरान में सुबह-सुबह आया जोरदार भूकंप

ईरान में भी रविवार सुबह ज़ोरदार भूकंप आया जिसकी तीव्रता 5.6 मापी गई. यहां के कई इलाकों में कंपन महसूस किए गए. लोग डर के मारे घरों से निकलकर खुले मैदानों में चले गए. स्थानीय प्रशासन ने राहत दलों को सतर्क कर दिया है, हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है.

तीन देशों में एक साथ भूकंप का आना चिंताजनक संकेत है. विशेषज्ञों का कहना है कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है और आपदा प्रबंधन के निर्देशों का पालन करना चाहिए. सरकारें फिलहाल स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.

म्यांमार में 3.7 तीव्रता का आया भूकंप

म्यांमार में शनिवार तड़के भूकंप के हल्के झटके दर्ज किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने जानकारी दी कि भूकंप 19 जुलाई 2025 को तड़के 03:26:40 बजे (भारतीय समयानुसार) आया. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई, जिसे हल्की श्रेणी में रखा जाता है.

NCS के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार के अंदर 22.20° उत्तरी अक्षांश और 94.28° पूर्वी देशांतर पर स्थित था. इसकी गहराई जमीन से लगभग 105 किलोमीटर नीचे थी. गहराई ज्यादा होने की वजह से कंपन सतह पर बेहद हल्का महसूस हुआ और किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है.

क्यों आता है भूकंप?

भूकंप तब आता है जब धरती के नीचे की बड़ी चट्टानें, जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट कहते हैं, आपस में टकराती या हिलती हैं. ये प्लेटें बहुत धीरे-धीरे हर समय हिलती रहती हैं. जब इनमें ज्यादा दबाव बन जाता है और ये अचानक खिसकती हैं तो धरती में जोर का झटका लगता है, जिसे हम भूकंप कहते हैं. यह झटका धरती की सतह तक महसूस होता है. कई बार यह बहुत हल्का होता है तो कभी तेज झटका नुकसान भी कर सकता है. ज्यादातर भूकंप धरती के अंदर गहराई में होने वाली हलचलों की वजह से आते हैं.

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