Border Dispute: थाईलैंड-कंबोडिया के बीच चल रहा सीमा विवाद अब राजनयिक संकट में बदल गया है. ऐसे में ही थाईलैंड ने कंबोडिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है और कंबोडियाई राजदूत को थाईलैंड छोड़ने का आदेश दिया है, वहीं, इसके जवाब में कंबोडिया ने भी सभी थाई राजनायिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है, साथ ही अपने राजनायिकों को बैंकॉक से वापस बुला लिया है.
बता दें कि हाल ही में थाई और कम्बोडियाई सैनिकों के बीच सीमा विवाद को लेकर एक दूसरे पर गोलीबारी हुई थी, जिसमें बारूदी सुरंग विस्फोट में कई थाई सैनिक घायल हो गए थें, जिसके बाद थाई सरकार ने यह कदम उठाया है.
दोनों देशों ने एक-दूसरे पर लगाए ये आरोप
वहीं, बारूदी सुरंग विस्फोट को लेकर थाई सेना का दावा है कि यह विस्फोट थाईलैंड के उबोन राचथानी प्रांत में हुआ जहां पांच सैनिक घायल हुए, वहीं, एक ने तो अपने पैर ही गवा दिए है. जबकि कंबोडिया का कहना है कि विस्फोट उनके प्रीह विहेर प्रांत में हुआ. ऐसे में दोनों देश एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं कि सीमा पर आपसी समझौते के बावजूद नए बारूदी सुरंगें बिछाई गईं.
नए बारूदी सुरंगों को लेकर बढ़ा तनाव
थाई अधिकारियों का कहना है कि विस्फोट में इस्तेमाल की गई सुरंगें रूसी तकनीक की थीं, जिन्हें थाई सेना इस्तेमाल नहीं करती. ये बारूदी सुरंगें उन रास्तों पर बिछाई गई थीं जिन्हें दोनों देशों ने मिलकर ‘सुरक्षित मार्ग’ घोषित किया था. साथ ही थाईलैंड ने कंबोडिया पर ओटावा संधि के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है, जो एंटी-पर्सनल माइन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाती है.
कंबोडिया ने भी पेश किया अपना पक्ष
हालांकि कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय ने थाई आरोपों को खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि विस्फोट उनके क्षेत्र में हुआ और थाई सैनिकों ने 2000 के समझौते का उल्लंघन करते हुए विवादित इलाके में गश्त की. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि सीमा क्षेत्र में अब भी कई बारूदी सुरंगें 20वीं सदी के संघर्षों की विरासत के रूप में मौजूद हैं और उनकी ओर से नई सुरंगें नहीं बिछाई गईं.
कम्बोडिया ने थाई फिल्मों और फल-सब्जियों पर लगाई रोक
इन्हीं तनावों के वजह से दोनों देशों ने अपने-अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है और विरोधी देश के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. इतना ही नहीं कंबोडिया ने तो थाई फिल्मों और टीवी शो पर बैन लगा दिया है. साथ ही थाई फल-सब्जियों, ईंधन और इंटरनेट सेवाओं का आयात भी रोक दिया है.
दोनों देशों के बीच गंभीर हो सकते है राजनीतिक हालात
वहीं, थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचयचाई ने बताया कि विदेश मंत्रालय इस घटना को लेकर आधिकारिक विरोध दर्ज कराएगा. इसके साथ ही अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है. बता दें कि इसके पहले भी एक जुलाई को सीमा विवाद के कारण थाई प्रधानमंत्री को नैतिक जांच के लिए निलंबित किया गया था. वही, जानकारों का मामना है कि इस वक्त दोनों देशों के बीच में ये घटनाएं दोनों देशों के रिश्तों को और गंभीर मोड़ पर ले जा सकती हैं.
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