Trump Pakistan Policy: इस समय पाकिस्तान और अमेरिका की नजदीकियां लगातार बढ़ती जा रही है. इसदौरान कभी पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख अमेरिका पहुंच रहे है, तो कभी अमेरिका के विदेश मंत्री अपने पाकिस्तानी समकक्ष से मिल रहे है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या अमेरिका वाकई आतंक के खिलाफ है या सिर्फ अपने फायदे की बिसात बिछा रहा है.
बता दें कि हाल ही में अमेरिका ने एक ओर जहां आतंक पर लगाम कसने के लिए यूएस टीआरएफ पर बैन लगाया है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए झूठी वाहवाही करता है.
अमेरिका-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की हुई मुलाकात
दरअसल, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाक़ात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने और खनिज क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई. साथ ही रुबियो ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के साथ साझेदारी के लिए उसका आभार जताया और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में उसके योगदान की तारीफ भी की.
पाकिस्तान के प्रति ट्रंप का यू-टर्न…
वहीं, अमेरिका राष्ट्रपति ने साल 2018 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी. उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा था कि “अमेरिका ने पिछले 15 वर्षो में पाकिस्तान को बेवकूफी में 33 अरब डॉलर से ज्यादा की मदद दी, और बदले में हमें सिर्फ झूठ और धोखा मिला. उन्होंने हमारे नेताओं को मूर्ख समझा. ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान उन आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने देते हैं, जिनका हम अफगानिस्तान में पीछा कर रहे हैं. अब और नहीं!” इसी के बाद से अमेरिका ने पाकिस्तान की सैन्य मदद पर भी रोक लगा दी थी. लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके टीम का पाक प्रेम कुछ और ही इशारा कर रहा है.
ट्रंप ने असीम मुनीर के साथ किया लंच
पाकिस्तानी जनरल्स को डिनर पर बुलाने से लेकर उनके विदेश मंत्रियों से मेल-मुलाकातें, सबकुछ एक नए रिश्ते की ओर संकेत कर रहे है. बता दें कि पिछले महीने ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर से बंद कमरे में मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों ने एक साथ लंच भी किया था.
खास बात तो ये है कि ये पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ की मेजबानी की थी. वहीं, खबर है कि मुनीर ने ट्रंप को मई में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने का क्रेडिट दिया है. उनके इस बयान के सम्मान में ट्रंप ने उन्हें लंच पर बुलाया था.
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