Uttarakhand: केदारनाथ धाम की यात्रा पर एक बार फिर से ब्रेक लग गया. आसमान से बरसी आफत के कारण गौरीकुंड पैदल मार्ग से कुछ दूरी पर पहाड़ी भरभराकर टूट गई, जिस कारण पैदल मार्ग बंद हो गया और प्रशासन को यात्रा को रोकना पड़ा. इसके बाद किसी तरह पैदल मार्ग को आवाजाही लायक बनाया गया, जिससे केदारनाथ धाम की ओर से आ रहे तीर्थयात्री को सुरक्षित निकालते हुए गौरीकुंड भेजा गया.
कई इलाकों में जनजीवन अस्त व्यस्त
रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बीती देर रात 1 बजे से 4 बजे के बीच रुद्रप्रयाग तहसील में चमेली, रूमसी, चमरारा तोक और विजयनगर क्षेत्र में सौड़ी गदेरे और बेडू बगड़ नाले में भारी मात्रा में पानी और मलबा आने से कई घरों, गौशालाओं, शौचालयों और संपर्क मार्गों में कटाव हुआ. कई भवनों में मलबा घुस गया.
केदारनाथ पैदल मार्ग अवरुद्ध
गौरीकुंड के घोड़ा पड़ाव से लगभग 50 मीटर की दूरी पर केदारनाथ पैदल मार्ग का लगभग 30 मीटर हिस्सा भारी पत्थरों और मलबे से अवरुद्ध हो गया, जिसके बाद ज़िला प्रशासन, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) और अन्य संबंधित विभागों की टीमों ने तुरंत वहां राहत कार्य शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि वैकल्पिक मार्ग बनाकर यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया.
अभी भी 700 तीर्थयात्रियों को निकालने की प्रक्रिया जारी
रुद्रप्रयाग में रात भर से जारी बारिश के कारण 1600 से ज्यादा चारधाम तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया. बारिश के कारण पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिर गए और गौरीकुंड के पास केदारनाथ जाने वाला मार्ग अवरुद्ध हो गया. अभी भी 700 तीर्थयात्रियों को निकालने की प्रक्रिया जारी है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली और उन्हें तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखने के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. आपदा प्रबंधन विभाग के साथ-साथ राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग सुबह छह बजे से ही राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए.
इसे भी पढ़ें:-AUS Vs WI: ऑस्ट्रेलिया ने उड़ा दी वेस्टइंडीज की धज्जियां, 4-0 से बना ली अजेय बढ़त