Nag Panchami 2025: नागपंचमी पर बन रहे अद्भुत संयोग, इस विधि से पूजा करने पर मिलेगा दोगुना फल

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Nag Panchami 2025: सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. इस साल नाग पंचमी की तिथि आज यानी 29 जुलाई को पड़ रही है. ज्योतिष की मानें तो इस बार नाग पंचमी पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं, ऐसी मान्यता है कि इस शुभ योग में पूजा करने से कई गुना अधिक फल मिलेगा.

Nag Panchami 2025 शुभ संयोग

इस बार सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी यानी नागपंचमी आज यानी 29 जुलाई 2025, मंगलवार को है. नागपंचमी के दिन भगवान शिव के आभूषण नाग देवता की पूजा की जाती है. इसके साथ ही इस बार नागपंचमी पर शिव योग का शुभ संयोग बन रहा है. ज्योतिष की मानें तो इस शुभ योग में पूजा करने से भगवान शिव सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं.

नागपंचमी पूजा

नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद शिवलिंग पर जल अर्पित करें. साथ ही नाग देवता का दुग्ध से अभिषेक कराएं. इसके बाद श्री सर्प सूक्त का पाठ करें. ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होगी और हमारी लाइफ में आ रही गृह कलेश, सेहत, संतान, रोजगार और वैवाहिक समस्या जैसी परेशानियां दूर हो जाएंगी.

काल सर्प दोष से मुक्ति के उपाय

  • यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष है तो वह नागपंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सांप की आकृति बनाएं और इसकी विधि-विधान से पूजा करें. ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से कालसर्प दोष के वजह से होने वाली समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
  • यदि किसी जातक के कुंडली में कालसर्प दोष है जिसके चलते किसी भी कार्य में बार-बार परेशानी आ रही है, वे नाग पंचमी के दिन इस मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें.-‘नागेन्द्रहाराय ओम नम: शिवाय’ ‘ओम नागदेवतायै नम:’ या नाग पंचमी मंत्र ‘ओम नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात्.’
  • यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ता है. इससे मुक्ति पाने के लिए नागपंचमी के दिन श्री सर्प सूक्त का पाठ करें. इसके साथ ही इस दिन नाग देवता के साथ-साथ भगवान शिव की भी पूजा करें. ऐसा करने से कुंडली से कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है. इससे कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है और जातक की मनचाही मुराद पूरी होती है.
  • (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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