North Korea: उत्तर कोरिया के सु्प्रीम लीडर किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने देश के परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने अमेरिका को नसीहत देते हुए कहा कि वह उनके देश को परमाणु हथियार संपन्न देश के रूप में स्वीकार कर ले. जोंग ने यह भी कहा कि वार्ता फिर से शुरू करने के लिए नया दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए. किम यो जोंग के बयान से यह पता चलता है कि उत्तर कोरिया अपनी शर्तों के साथ बातचीत की मेज पर लौट सकता है.
किम की बहन ने कहा…
यो जोंग ने कहा कि उनके भाई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच संबंध खराब नहीं हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनके भाई और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच के व्यक्तिगत संबंधों से उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण का मकसद पूरा होने की उम्मीद की जा रही है, तो उत्तर कोरिया की नजरों में यह ‘केवल एक मजाक’ भर है.
सरकारी मीडिया की ओर से जारी बयान में किम यो जोंग ने कहा कि किम-ट्रंप कूटनीति के पहले दौर के बाद से उत्तर कोरिया की परमाणु क्षमता में इजाफा हुई है और उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र मानने से इनकार करने के किसी भी कोशिश को खारिज कर दिया जाएगा.
किम यो जोंग ने क्यों दिया बयान?
किम यो जोंग ने आगे कहा कि वह एक अमेरिकी अधिकारी की कथित टिप्पणी का जवाब दे रही हैं, जिसमें कहा गया है कि ट्रंप परमाणु निरस्त्रीकरण पर बातचीत के लिए तैयार हैं. वह स्पष्ट रूप से योनहाप समाचार एजेंसी के शनिवार के लेख का हवाला दे रही थीं, जिसमें व्हाइट हाउस के एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि ट्रंप “उत्तर कोरिया को पूरी तरह से परमाणु मुक्त बनाने के लिए किम जोंग के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं.”
विशेषज्ञ का कहना है कि…
कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कूटनीतिक उपलब्धि हासिल करने के लिए उत्तर कोरिया के साथ बातचीत की कोशिश कर सकते हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में किम जोंग उन के साथ अपने निजी संबंधों का बखान किया था और उनके साथ परमाणु कूटनीति को फिर से शुरू करने की उम्मीद जताई थी.
ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान 2018-19 में अमेरीका की कूटनीति तब असफल हो गई थी, जब उन्होंने किम जोंग का आह्वान ठुकरा दिया था. किम जोंग ने अपने मुख्य परमाणु परिसर को नष्ट करने के बदले में प्रतिबंधों में व्यापक राहत देने की मांग की थी, जो एक सीमित परमाणु निरस्त्रीकरण कदम था. तब से उत्तर कोरियाई नेता ने अपने परमाणु शस्त्रागार को आधुनिक और विस्तारित करने के लिए कई हथियार परीक्षण किए हैं.
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