बर्न बैग, ट्रंप-रूस जांच से जुड़ी खुफिया साजिश के सबूत… FBI हेडक्वार्टर में मिला खुफिया कमरा  

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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FBI Director Kash Patel: अमेरिका में संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के निदेशक काश पटेल ने ब्यूरो मुख्यालय के अंदर एक खुफिया कमरे का पता लगाया है, जिसमें हजारों संवेदनशील दस्तावेजों से भरे हुए बर्न बैग मिले. काश पटेल के मुताबिक, छिपे हुए कमरे में मिले बैगों का इस्तेमाल आमतौर पर अति गोपनीय सामग्री को नष्ट करने के लिए किया जाता है.

दरअसल, अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, पटेल और उनकी टीम ने हूवर बिल्डिंग के अंदर एक सुरक्षित कम्पार्टमेंटेड सूचना सुविधा (SCIF) के भीतर इस कमरे की खोज की. वहीं, इस कमरे में मिली गोपनीय वस्तुओं में से पूर्व विशेष वकील जॉन डरहम की अंतिम रिपोर्ट का एक गोपनीय अनुलग्नक भी शामिल था, जिसमें डरहम द्वारा ट्रंप और रूस की जांच के दौरान की समीक्षा वाली खुफिया जानकारी शामिल थी.

क्या है गोपीनीय अनुलग्नक में?

रिपोर्ट के अनुसार, इस गोपनीय कमरे से मिले अनुलग्नक में विदेशी स्रोतों से प्राप्त खुफिया जानकारी शामिल है, जिससे पता चलता है कि एफबीआई ने जुलाई 2016 में आधिकारिक तौर पर क्रॉसफायर हरिकेन जांच शुरू करने से पहले ट्रंप-रूस मिलीभगत की कहानी को आगे बढ़ाने की उम्मीद थी. वहीं, इस अनुलग्नक से परिचित एक व्यक्ति ने बताया कि इस खुफिया जानकारी ने कथित तौर पर एफबीआई के अगले कदम की काफी सटीक भविष्यवाणी की थी.

सीनेट न्यायपालिका के अध्यक्ष को सौपा जाएगा अनुलग्नक

सूत्रों का दावा है कि अनुलग्‍नक के जारी होने से इस दावे को अधिक विश्वसनीयता मिलेगी कि अमेरिकी सरकार के अंदर एक समन्वित योजना थी, जिसके तहत क्लिंटन अभियान ने ट्रंप को रूस से जोड़ने वाला विवाद खड़ा करने में मदद की गई थी. फिलहाल, इस अनुलग्नक को सार्वजनिक प्रकाशन के लिए सीनेट न्यायपालिका के अध्यक्ष चक ग्रासली को सौंप दिया जाएगा.

कई दस्तावेजों और कंप्यूटर हार्ड ड्राइव से भरा था कमरा

बता दें कि एफबीआई के निदेशक काश पटेल ने जून में अपने एक इंटव्‍यू के दौरान इन कमरे का जिक्र किया था, उन्‍होंने कहा था कि कॉमी और अन्य लोगों ने इसे दुनिया से छुपाया था. जब मैं एफबीआई के निदेशक के रूप में पहली बार ब्यूरो में पहुंचा, तो मुझे एक कमरा मिला, जो ऐसे दस्तावेजों और कंप्यूटर हार्ड ड्राइव से भरा था, जिन्हें न तो किसी ने देखा था और न ही सुना था. साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि उस कमरे का और उसकी सामग्री का खुलासा अभी तक क्यों नहीं किया गया था.

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