दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी, कांडला ने देश का पहला “मेक इन इंडिया” 1 मेगावाट क्षमता वाला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट सफलतापूर्वक चालू कर दिया है. इस अत्याधुनिक सुविधा का उद्घाटन केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया. यह पहल भारत की समुद्री डिकार्बोनाइजेशन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है. महज चार महीनों में तैयार हुआ यह प्लांट 10 मेगावाट की प्रस्तावित हरित हाइड्रोजन परियोजना का हिस्सा है, जिसकी आधारशिला मई 2025 में पीएम मोदी द्वारा रखी गई थी.
कांडला में शुरू हुआ 1 MW हाइड्रोजन प्लांट
इस संयंत्र से सालाना करीब 140 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की उम्मीद है, जो भारत की नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन की प्रतिबद्धताओं को मजबूती देगा. इस उपलब्धि के साथ DPA देश का पहला ऐसा पोर्ट बन गया है, जिसने मेगावाट स्तर की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता को स्थापित किया है. यह मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 के तहत बंदरगाहों के हरित और आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है.
परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए मंत्री ने डीपीए और एलएंडटी की टीम के बीच उत्कृष्ट समन्वय और कार्य निष्पादन की सराहना की. यह पहल डीपीए की उस पूर्व उपलब्धि के बाद आई है, जब उसने देश का पहला मेक-इन-इंडिया ऑल-इलेक्ट्रिक ग्रीन टग लॉन्च किया था. इन हरित पहलों के माध्यम से DPA भारत के पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को पर्यावरण-संवेदनशील, टिकाऊ और नवाचार आधारित बनाने की दिशा में अग्रसर है.