ट्रंप के भारतीय अर्थव्यवस्था वाले बयान पर अर्थशास्त्री भानुमूर्ति ने दिया करारा जवाब, कहा- किसी भी स्थिति में कमजोर नहीं…

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Bhanumurthy : वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर भारत एक आकर्षक स्थल है. बता दें कि पिछले तीन सालों में सबसे तेजी से विकास किया है जिससे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है. इस दौरान डोनाल्‍ड ट्रंप का इस अर्थव्‍यवस्‍था को ‘मृत’ बताना ‘बिल्कुल गलत’ है. इस मामले को लेकर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और मद्रास स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के निदेशक एन आर भानुमूर्ति का कहना है कि दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के उलट, भारतीय अर्थव्यवस्था काफी हद तक घरेलू कारकों पर आधारित है.

भारत अर्थव्‍यवस्‍था में एक आकर्षक स्‍थल  

बता दें कि डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क और रूस के साथ व्यापार करने को लेकर ‘जुर्माना’ लगाने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘‘मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत अब रूस के साथ क्‍या करता है. वे अपनी ‘मृत अर्थव्यवस्थाओं’ को एक साथ कैसे नीचे ले जा सकते हैं.’’ ऐसे में भानुमूर्ति ने कहा कि ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान बिल्कुल गलत है. अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था को देखें, तो भारत निश्चित रूप से संकटग्रस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक ‘आकर्षक स्थल’ है. इसके साथ ही सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है.

किसी भी स्थिति में कमजोर नजर नहीं भारत

आगे उन्‍होंने ये भी कहा कि ‘‘अत्यधिक गरीबी लगभग समाप्त हो जाने के साथ, हम जल्द ही चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे और आप जिस भी आर्थिक मानदंड पर नजर डालें, भारत किसी भी स्थिति में कमजोर नजर नहीं आता है.’’ इस मामले को लेकर प्रख्यात अर्थशास्त्री का कहना है कि ‘‘अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के उलट, भारतीय अर्थव्यवस्था काफी हद तक घरेलू कारकों पर आधारित है. विशाल घरेलू बाजार के साथ अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के कारण वृद्धि के मोर्चे पर जोखिम सीमित है.

अर्थव्यवस्थाओं के साथ वैश्विक संबंध मजबूत

उनका कीना है कि किसी भी अर्थव्यवस्था की मजबूती केवल घरेलू कारकों पर ही निर्भर नहीं करती, बल्कि इस बात पर भी निर्भर करती है कि हमारे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ वैश्विक संबंध कितने मजबूत हैं. इसके साथ ही कोई भी देश अलग होने का जोखिम नहीं उठा सकता. लेकिन इस मामले में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है.

भारत ने कई देशों के साथ बढ़ाए व्यापारिक संबंध

जानकारी के मुताबिक, वर्तमान समय में भारत ने कई देशों के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाए हैं. साथ ही वैश्विक दक्षिण की एक मजबूत आवाज भी बना है. उन्‍होंने बताया कि अगर उसे सालाना छह से सात प्रतिशत की दर से बढ़ना है, तो उसे अभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर निर्भर रहना होगा. हम शायद केवल पांच से छह प्रतिशत की दर से ही वृद्धि कर पाएंगे.

भारतीय अर्थव्यवस्था पर भानुमूर्ति ने कहा

भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर भानुमूर्ति ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार में भारत अधिशेष की स्थिति में है, इसलिए ट्रंप के 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर शुल्क के निर्यात पर प्रभाव पड़ेगा. उनका कहना है कि पेट्रोलियम और सेवाएं जैसे क्षेत्र शुल्क के दायरे में नहीं आते हैं और इन क्षेत्रों में भारत मजबूत और प्रतिस्पर्धी है. अन्य देशों के साथ व्यापार समझौते रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकते हैं.

भारत ब्रिटेन के साथ कर चुका है व्‍यापार समझौता  

ऐसे में व्‍यापार को लेकर भारत और रूस को रणनीतिक गठजोड़ के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. जानकारी देते हुए बता दें कि भारत पहले ही ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौता कर चुका है. इसके साथ ही यूरोपीय संघ के साथ भी घनिष्ठ संबंध रखता है. इस दौरान व्यापार समझौते में भारत को घरेलू हितों को बनाए रखते हुए अपने व्यापार में विविधता लाने में मदद कर सकते हैं.

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