पीएम मोदी से बातचीत में शुभांशु शुक्‍ला ने साझा किया अनुभव, कहा- दुनियाभर के वैज्ञानिक ‘गगनयान मिशन’ का हिस्सा बनने के लिए इच्छुक

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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PM Modi Shubhanshu Shukla meeting: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भारत लौटे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की. इस दौरान उन्‍होंने शुभांशु के कई सारे सवाल भी किए. ऐसे में शुभांशु शुक्ला ने पीएम मोदी को बताया कि दुनियाभर में भारत के गगनयान को लेकर काफी रूचि है. दुनियाभर के शीर्ष वैज्ञानिक इसका हिस्सा बनने के इच्छुक हैं.

बता दें कि सोमवार की शाम प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की अपनी अंतरिक्ष यात्रा, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों के साथ समायोजन और कक्षीय प्रयोगशाला में किए गए प्रयोगों के बारे में अपने अनुभव भी साझा किए.

गगनयान मिशन के लिए ये अनुभव होगा मूल्यवान

इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्‍ला से कहा कि भारत के अंतरिक्ष मिशनों के लिए हमें 40-50 अंतरिक्ष यात्रियों का एक समूह चाहिए. आपका अनुभव हमारे गगनयान मिशन के लिए मूल्यवान होगा. पीएम मोदी और शुभांशु शुक्ला के इस बातचीत का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वीडियो भी साझा किया गया है. अंतरिक्ष यात्री ने कहा कि ‘लोग भारत के गगनयान मिशन को लेकर बहुत उत्साहित हैं. मेरे कई क्रू साथी (एक्सिओम-4 मिशन के) लॉन्च के बारे में जानना चाहते हैं. ‘

पीएम मोदी ने शुभांशु को क्‍या दिया था होमवर्क?

वहीं, पीएम मोदी ने स्पेस स्टेशन में दिए गए अपने होमवर्क को लेकर भी शुभांशु शुक्ला से सवाल किया. बता दें कि प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को गगनयान मिशन को आगे बढ़ाने, चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री की लैंडिंग कराने और भारत के अपने स्पेस स्टेशन के निर्माण में अपने अनुभवों का उपयोग करने का होमवर्क दिया था. उन्होंने कहा था कि शुभांशु के अंतरिक्ष मिशन (एक्सिओम-4) के अनुभव इन तीनों महत्वपूर्ण अभियानों के लिए बहुत काम आएंगे.

भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में मददगार होगा ये कदम

अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की महत्वाकांक्षाओं का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि ‘मैंने कहा था कि आपका मिशन पहला कदम है. जो आईएसएस के लिए भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में मददगार साबित होगा.

बता दें कि भारत की योजना साल 2027 में अपना पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजने और 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की है. भारत की 2040 तक चांद पर अपना अंतरिक्ष यात्री उतारने की भी योजना है.

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