वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, प्रमुख कपड़ा वस्तुओं का निर्यात जुलाई 2025 में 5.37% की वृद्धि के साथ 3.10 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी महीने यह 2.94 अरब डॉलर था। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी साझा की. कपड़ा मंत्रालय ने बताया कि भारत का कपड़ा निर्यात सकारात्मक विकास के रास्ते पर बना हुआ है, जो इस क्षेत्र की रोजगार सृजन, निर्यात और आर्थिक विकास में अहम भूमिका को दर्शाता है. जुलाई 2025 में भी भारत का कपड़ा और परिधान क्षेत्र स्थिर वृद्धि की प्रवृत्ति बनाए रखकर अपनी मजबूती दिखाएगा.
वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएस) द्वारा अप्रैल-जुलाई 2025 की अवधि के लिए जारी त्वरित अनुमानों के मुताबिक, संचयी कपड़ा निर्यात एक वर्ष पूर्व के 11.73 अरब डॉलर की तुलना में 3.87% बढ़कर 12.18 अरब डॉलर हो गया. छह प्रमुख कपड़ा वस्तु समूहों का कुल निर्यात जुलाई, 2025 में 3.1 अरब डॉलर को पार कर गया, जो मिश्रित वैश्विक व्यापार स्थितियों के प्रति लचीलापन दर्शाता है। तैयार परिधान, जूट, कालीन और हस्तशिल्प की निरंतर मांग ने विकास की गति में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
तैयार परिधान (RMG) का निर्यात जुलाई, 2024 के 1.28 अरब डॉलर से बढ़कर जुलाई, 2025 में 1.34 अरब डॉलर हो गया जो 4.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. अप्रैल-जुलाई, 2025 के लिए संचयी निर्यात पिछले वर्ष के 5.13 अरब डॉलर की तुलना में 5.53 अरब डॉलर का रहा, जिसमें 7.87 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. उद्योग का प्रदर्शन भारत की विविध उत्पाद शक्ति को उजागर करता है, जो कपास और MMF आधारित वस्त्रों से लेकर पारंपरिक हस्तशिल्प और पर्यावरण अनुकूल जूट तक फैला हुआ है.