केवल उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है, बल्कि किसानों को भारी मात्रा में सब्सिडी भी प्रदान कर रही है।अप्रैल 2025 से अब तक वाराणसी के अन्नदाताओं को यूरिया और डीएपी जैसे प्रमुख उर्वरकों पर ₹68,59,21,080 (अड़सठ करोड़ उनसठ लाख इक्कीस हजार अस्सी रुपए) की सब्सिडी दी गई है। इस कदम से किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो रही है और उनकी लागत में भारी कमी आई है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।
उर्वरकों पर दी जा रही सब्सिडी का किसान उठा रहे लाभ
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि किसानों को यूरिया ₹266.50 प्रति बोरी की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि सरकार अलग-अलग कंपनियों के हिसाब से ₹1231 से ₹1908 प्रति बोरी तक सब्सिडी दे रही है। इसी तरह, डीएपी किसानों को ₹1350 प्रति बोरी मिल रहा है, जिस पर सरकार ₹1389.95 प्रति बोरी की सब्सिडी दे रही है। यदि यह सब्सिडी न होती तो किसानों को यूरिया ₹1497 से ₹2175 प्रति बैग तथा डीएपी लगभग ₹2740 प्रति बैग खरीदना पड़ता।
अब तक इतने मीट्रिक टन हुआ उर्वरकों का वितरण
वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक किसानों को लगभग 15750 मीट्रिक टन यूरिया और 4920 मीट्रिक टन डीएपी का वितरण किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक किसानों को यूरिया पर ₹54.91 करोड़ और डीएपी पर ₹13.67 करोड़ की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा चुकी है।
पारदर्शी व्यवस्था से किसानों तक पहुंच रही सब्सिडी
जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह ने कहा कि सरकार ने खाद वितरण के लिए एक व्यापक आपूर्ति श्रृंखला तैयार की है, जिससे प्रदेश के हर कोने तक खाद पहुंच सके। साथ ही, किसानों को सीधे लाभ दिलाने के लिए खाद का वितरण पॉस मशीन के जरिए किया जा रहा है। किसान भाइयों को सलाह दी गई है कि वे खाद खरीदते समय पॉस मशीन पर अंगूठा लगाकर ही खरीदारी करें, ताकि पारदर्शी तरीके से उन्हें सब्सिडी का लाभ मिल सके।