Us Tariff On India: एक और पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने और बिगड़ते रिश्ते पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लताड़ लगाई है. टैरिफ को लेकर ओबामा प्रशासन में विदेश मंत्री रहे जॉन केरी ने कहा कि किसी कूटनीतिक प्रयास के बिना अल्टीमेटम देना कोई महानता नहीं है. भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच टकराव सही नहीं है
जॉन केरी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच टकराव सही नहीं है. हम इससे चिंतित हैं. बड़े राष्ट्र हमेशा लोगों को अल्टीमेटम देकर महानता प्रदर्शित नहीं करते हैं, बल्कि कूटनीतिक प्रयासों के जरिए काम करते हैं, ताकि आम सहमति बनाई जा सके. केरी ने कहा कि ओबामा शासन के दौरान बातचीत सहयोग और सम्मान के साथ होती थी, लेकिन अब कुछ ज्यादा ही आदेश, दबाव और धक्का-मुक्की हो रही है.
उम्मीद है कि भारत और अमेरिका मिलकर व्यापार विवाद सुलझा लेंगे
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भारत और अमेरिका मिलकर व्यापार विवाद सुलझा लेंगे. भारत ने स्पष्ट रूप से बेहतर पेशकश की है. पीएम मोदी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल हमारे मित्र हैं. भारत ने कई अमेरिकी आयातों पर शून्य पेशकश की है, यह एक बड़ा बदलाव है.
ये अधिकारी भी जता चुके चिंता
मालूम हो कि इससे पहले व्हाइट हाउस के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी जॉन बोल्टन ने कहा था कि ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर टैरिफ लगाए, लेकिन चीन पर नहीं लगाए, जो रूस से काफी ज्यादा तेल खरीदता है, तो इससे भारत को शायद चीन-रूस के गठबंधन की ओर धकेल दिया गया. ट्रंप प्रशासन की यह रणनीतिक चूक अनावश्यक गलती है.
अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञ और पूर्व अमेरिकी व्यापार अधिकारी क्रिस्टोफर पैडिला ने भी चेतावनी दी थी कि टैरिफ से भारत-अमेरिका संबंधों को नुकसान पहुंचने का खतरा हो सकता है. उन्हें डर था कि इससे बाद में यह सवाल उठ सकता है कि क्या अमेरिका एक विश्वसनीय साझेदार है, क्योंकि ये टैरिफ हमेशा के लिए याद रह जाएंगे.