दुनिया में भारत के पास थोरियम का है सबसे बड़ा भंडार, ऊर्जा के क्षेत्र में बन रहा आत्मनिर्भर

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Thorium Treasure In India : World Nuclear Association के अनुसार भारत, ब्राज़ील, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में थोरियम के सबसे बड़े भंडार हैं. लेकिन भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा थोरियम का भंडार है, जो मुख्य रूप से केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय इलाकों में पाए जाते हैं. जानकारी देते हुए बता दें कि एक किलो थोरियम से एक वर्ष में लगभग एक मेगावाट बिजली उत्पन्न होगी, जो कि  1,000 घरों को एक साथ बिजली देने के लिए सक्षम है और इसकी कीमत की बात करें तो  वो $1.5 मिलियन है.

इन जगहों पर पाया जाता है थोरियम

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार पृथ्वी पर थोरियम यूरेनियम से ज्यादा पाया जाता है. सबसे महत्‍वपूर्ण बात कि हम इसका बार-बार कर सकते है. इसके साथ ही इसका इस्तेमाल परमाणु रिएक्टरों मे भी किया जा सकता है. बता दें कि यह पृथ्वी पर मिट्टी, चट्टानों और पानी में मौजूद होता है, विशेष रूप से मोनाज़ाइट जैसे खनिजों में अपनी रेडियोधर्मिता के कारण, ईधन स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे यूरेनियम-233 में परिवर्तित किया जा सकता है, जो कि परमाणु रिएक्टरों को शक्ति प्रदान करने की क्षमता रखता है.

यूरेनियम की जगह होगा इसका इस्तेमाल

फिलहाल इसका इस्तेमाल लालटेन मेंटल, सिरेमिक ग्लेज और वेल्डिंग रॉड में किया जाता है, मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि भविष्य में उन्नत परमाणु रिएक्टरों में इसके उपयोग की संभावना है. इसके साथ ही बता दें कि भारत सरकार परमाणु ऊर्जा के लिए थोरियम आधारित रिएक्टरों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि भारत देश को ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाया जा सके.

साल 2047 तक भारत का लक्ष्‍य

मुख्‍य रूप से थोरियम का इस्तेमाल चीन और अमेरिका में हो रहा है. जानकारी के मुताबिक, साल 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता उत्पन्न करना भारत का लक्ष्य है. ऐसे में इसकी सफलता के तुरंत बाद भारतीय परमाणु भौतिक विज्ञानी और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल काकोडकर ने X पर पोस्ट किया-बधाई हो. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार विकसित देश के आधार पर थोरियम ANEEL ईंधन में लगभग 45 गीगावाट प्रति टन बर्न-अप तक पहुंचने की क्षमता होती है. जो कि कल्‍पना से भी पहले थोरियम को मॉड्यूलर रिएक्टरों में ला सकता है.

परमाणु ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरेनियम आयात

बता दें कि परमाणु ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत यूरेनियम का आयात करता है. क्योंकि अकेले इसका उपयोग करके परमाणु रिएक्टर बनाना संभव नहीं है. जानकारी देते हुए बता दें कि थोरियम को ईंधन के रूप में उपयोग करने से पहले रिएक्टर में यूरेनियम-233 में परिवर्तित करना पड़ता है. इसी कारण से भारत अब तक थोरियम का सीधा इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है. लेकिन जब इसका प्रयोग होने लगेगा तो इस मामले में भारत सुपर पावर बन जाएगा.

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