US-Greenland Tension : वर्तमान समय में डेनिश प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को वॉर्निंग देते हुए कहा कि डेनमार्क के आंतरिक मामलों और ग्रीनलैंड में किसी भी तरह का दखलअंदाजी वो बर्दाश्त नहीं करेंगी. उन्होंने यह बात उन रिपोर्टों के बाद कही, जिनमें कहा गया है कि व्हाइट हाउस से जुड़े अमेरिकी नागरिक ग्रीनलैंड में गुप्त गतिविधियों में शामिल हैं. ऐसे में मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े करीब तीन अमेरिकी नागरिक ग्रीनलैंड में गुप्त गतिविधियां चला रहे हैं. ऐसा करने का उनका मुख्य कारण है कि निजी नेटवर्क स्थापित करने के साथ आर्कटिक द्वीप पर अमेरिकी नियंत्रण के प्रति उनके रुख के आधार पर स्थानीय हस्तियों की सूची तैयार करना शामिल है.
हस्तक्षेप स्वीकार्य नही करेंगी- फ्रेडरिक्सन
इस दौरान फ्रेडरिक्सन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि “ग्रीनलैंड के मामले में हमारी स्पष्ट असहमति है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि डेनमार्क साम्राज्य के आंतरिक मामलों में कोई भी हस्तक्षेप स्वीकार्य नही करेंगी.” इस मामले को उनकी सरकार बहुत ही गंभीरता से ले रही है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वाशिंगटन ने आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन नहीं किया है. ऐसे में अमेरिकियों ने जो रिपोर्ट पेश की है, उसे स्पष्ट रूप से खारिज नहीं किया और यह निश्चित रूप से गंभीर है.”
ग्रीनलैंड की विदेश मंत्री मोट्जफेल्ड की बैठक
इस मामले को लेकर फ्रेडरिक्सन का कहना है कि उन्होंने ग्रीनलैंड की विदेश मंत्री विवियन मोट्जफेल्ड की उपस्थिति में एक बैठक में अमेरिकी सीनेटरों के समक्ष यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि ‘हम ग्रीनलैंड से जुड़े सभी संदेश सीधे संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने सहयोगियों को देंगे.” प्राप्त जानकारी के अनुसार डेनमार्क के विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने अमेरिकी राजदूत से इस मामले को लेकर बातचीत की थी. ऐसे में इस साल की शुरुआत में पदभार ग्रहण करने के बाद से ट्रंप ने बार-बार ग्रीनलैंड पर नियंत्रण पाने में रुचि व्यक्त की है.
डेनमार्क की सुरक्षा और खुफिया सेवा ने दी जानकारी
मीडिया से बातचीत करने के दौरान डेनमार्क की सुरक्षा और खुफिया सेवा ने बताया कि ग्रीनलैंड, कोपेनहेगन और ग्रीनलैंड की राजधानी नुउक के बीच तनाव पैदा करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे प्रभाव अभियानों का निशाना बनते जा रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि काफी समय पहले ग्रीनलैंड, जो एक पूर्व डेनिश उपनिवेश था वह अब 1953 में डेनमार्क साम्राज्य का अभिन्न अंग बन गया. जिससे इसकी स्वायत्तता का विस्तार हुआ. फिलहाल जानकारी देते हुए बता दें कि डेनमार्क के पास विदेश मामलों और रक्षा पर अधिकार बरकरार है.
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