बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए ज़रूरी है ये ड्राई फ्रूट्स, शोध में हुआ बड़ा खुलासा..?

Must Read

HealthTips: बच्चों को मेवे (ड्राई फ्रूट्स) खिलाने से परहेज करने वाले माता- पिता को डॉक्टरों की भी राय माननी चाहिए. माता पिता कहते हैं कि मेवे गर्मी के साथ ही उनके बच्चों को वजन भी बढाता है पर, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. कुछ डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को मेवे खिलाया जाए तो उससे लाभ भी मिलेगा. नट्स से बच्चों को स्वस्थ विकास के लिए ज़रूरी पोषक तत्व मिलता है, जिनमें ओमेगा- 3 फैटी एसिड भी शामिल है, जो छोटे बच्चों के मस्तिष्क, तंत्रिका और दृष्टि विकास के लिए ज़रूरी है.

इससे कैंसर की रोकथाम में भी मिलती है मदद

डॉक्टरों की माने तो ये आहार संबंधी पॉलीफेनॉल्स या एंटीऑक्सीडेंट्स के भी सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक हैं. जिनके कई संभावित स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. इससे कैंसर की रोकथाम में भी मदद मिलती है. नट्स में फाइबर, प्रोटीन और अच्छे वसा होते हैं, जिन्हें पचने में ज़्यादा समय लगता है. जिससे बच्चों की भूख शांत होती है और उन्हें लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है. नट्स में मौजूद 20 प्रतिशत तक ऊर्जा अवशोषित नहीं होती, लेकिन फिर भी ये पेट भरा होने का एहसास दिलाते हैं.

ज़्यादा नट्स खाने से ज़्यादा वज़न होने का कम होता है खतरा

उच्च फाइबर सामग्री बच्चों को नियमित और आसान मल त्याग में भी मदद करती है. शोध में पता चला है कि ज़्यादा नट्स खाने से ज़्यादा वज़न होने का खतरा कम होता है. नट्स से एलर्जी आम होती जा रही है और स्वाभाविक रूप से माता- पिता को बहुत चिंता हो सकती है. लेकिन, शोध में पता चला है कि कम उम्र से ही उचित रूप में नट्स का सेवन करने से नट्स से एलर्जी होने की संभावना कम हो सकती है, इसमें उच्च जोखिम वाले लोग भी शामिल हैं.

आहार में जितनी जल्दी हो सके मेवे शामिल करें

एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि बचपन से ही नियमित रूप से मूंगफली खिलाने से किशोरावस्था में मूंगफली से होने वाली एलर्जी की दर 71 प्रतिशत कम हो जाती है. एलर्जी के जोखिम को कम करने के लिए, अपने बच्चे के आहार में जितनी जल्दी हो सके मेवे शामिल करें. आदर्श रूप में चार से छह महीने की उम्र के बीच, घुटन से बचाने के लिए 100 प्रतिशत नट स्प्रेड के रूप में लें. शुरुआत में होंठ के अंदर 100 प्रतिशत मुलायम पीनट बटर की थोड़ी मात्रा लगाएं और 30 मिनट तक निगरानी करें.

हर हफ्ते बढ़ा सकते हैं इसकी मात्रा

अगर कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है, तो मात्रा को दोगुना (¼ छोटा चम्मच) कर दें और 30 मिनट तक निगरानी करें. फिर आप इस प्रक्रिया को आधा छोटा चम्मच तक बढ़ा सकते हैं. अगर यह प्रक्रिया ठीक से हो जाती है तो आप अपने बच्चे के आहार में 100 प्रतिशत नट बटर शामिल कर सकते हैं और हर हफ्ते इसकी मात्रा बढ़ा सकते हैं. बेहतर है कि नट्स को रात में पानी में भिगोकर सुबह छीलकर बच्चों को दें. इससे पचाना आसान होगा. जब मेवे गले में अटकने का ख़तरा नहीं रह जाते (तीन से पांच साल की उम्र के बीच) उन्हें रोज़ाना मुट्ठी भर मेवे खिलाएं.

यह अब प्रमाणों को प्रतिबिंबित नहीं करता

अध्ययनों से पता चलता है कि अपेक्षाकृत बड़ी मात्रा में- प्रतिदिन 100 ग्राम तक- शरीर के वज़न और वसा द्रव्यमान में मामूली कमी से जुड़े हैं. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के वर्तमान आहार संबंधी दिशानिर्देश मेवों के सेवन को सीमित करने की सलाह देते हैं, लेकिन यह अब प्रमाणों को प्रतिबिंबित नहीं करता है और अगले वर्ष दिशा निर्देशों के अद्यतन होने पर इसमें संशोधन किया जाना चाहिए. मेवे पोषण का भंडार हैं लेकिन बच्चों को इन्हें खिलाना एक चुनौती हो सकती है. सभी प्रकार के मेवे स्वास्थ्यवर्धक होते हैं, इसलिए चीज़ों को रोचक बनाए रखने के लिए इनका मिश्रण शामिल करें.

काजू, बादाम या मूंगफली किस्मों से शुरुआत करें

बच्चों के आहार में अतिरिक्त तेल और नमक के प्रवेश से बचने के लिए कच्चे या सूखे भुने, बिना नमक वाले विकल्प चुनें. अगर वे पहली बार इन्हें अस्वीकार करते हैं तो दोबारा कोशिश करें. शोध से पता चलता है कि बच्चों को नए खाद्य पदार्थ खाने से पहले आठ से दस बार उन्हें खाने की ज़रूरत होती है. इसलिए उन्हें नियमित रूप से मेवे दें. उन्हें चखने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें खाने के लिए दबाव न डालें. बच्चों के नाश्ते और भोजन में अधिक मेवे शामिल करने में मदद के लिए काजू, बादाम या मूंगफली जैसी हल्की, अधिक परिचित किस्मों से शुरुआत करें. इनकी बनावट नरम और स्वाद मीठा होता है, जिससे ये छोटे बच्चों को ज़्यादा पसंद आते हैं.

इसे भी पढ़ें. जनता दर्शन में बोली नन्हीं ‘मायरा’..‘मेरा एडमिशन करा दीजिये’, यह सुन रुक गए CM योगी, दिए ये आदेश?

Latest News

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने अलग-अलग रूटों की 6 नई बसों को दिखाई हरी झंडी, जानिए क्या कहा ?

Ballia: पूरे देश में महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश सरकारी बसों के मामले में दूसरे नंबर पर है। उत्तर...

More Articles Like This