विवाद में फंसा बड़े मियां छोटे मियां का जिन्न

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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सलमान खान को लेकर सुल्तान, टाइगर ज़िंदा है और भारत जैसी हिट फिल्मे देने वाले फिल्म डायरेक्टर अली अब्बास ज़फर की मुसीबत बढ़नी शुरू हो गई हैं. मशहूर फिल्म निर्माता वाशु भगनानी ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. उनकी शिकायत पर अदालती आदेश के बाद मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज करके कार्रवाई भी शुरू कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रोड्यूसर वाशु भगनानी ने निर्देशक अली अब्बास ज़फर पर बेहद गंभीर लगाते हुए दावा किया है कि ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ की जोड़ी के साथ बनी फिल्म बड़े मियां छोटे मियां से जुड़े फंड बेनामी और ऑफशोर कंपनियों के ज़रिए निकाले गए और मनी-लॉन्ड्रिंग में उनका उपयोग किया गया. जिसके बाद बाद फिल्म नगरी में चल रही चर्चाओं का दौर ख़त्म भी नहीं हुआ था कि वाशु भगनानी इस मामले को ED और CBI तक ले जाने के बयान देकर खलबली मचा दी है.

वाशु भगनानी ने अब्बास जफर और उनके दो सहयोगियों पर लगाया आरोप

वाशु भगनानी ने सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाए हैं कि अबू धाबी में पंजीकृत Jolly Jumper Films LLC नामक कंपनी, असल में भारत स्थित अंधेरी-मुंबई से संचालित की जा रही थी और फिल्म के लिए मिलने वाली सब्सिडी व भुगतान इसी के माध्यम से चैनल किए गए. भगनानी का आरोप है कि यह कंपनी बेनामी है. उन्होंने अली अब्बास ज़फर और उनके दो सहयोगियों हिमांशु मगरा और एकेष रणदिवे पर आरोप लगाया कि उन्होंने फिल्म बड़े मियां छोटे मियां के बजट को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया, जिसके लिए फर्जी बिल बनाए गए और सब्सिडी की रकम का दुरुपयोग किया गया. भगनानी का यह भी कहना है कि अगर नियमित जांच से संतोषजनक वित्तीय रिकॉर्ड नहीं मिलते, तो वे आर्थिक अपराध शाखा के पास भी जाएंगे. हालांकि अली अब्बास ज़फर ने सभी आरोपों से इनकार किया है और उन्होंने बकाया फीस को लेकर अपने दावे भी दाखिल किए हैं. जिसके बाद यह मामला अब दोनों पक्षों की और से सिविल और आपराधिक मुकदमों में उलझने की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है.

करीब डेढ़ साल पुराना है विवाद 

दरअसल वाशु भगनानी और अली जफ़र के बीच चल रहा यह विवाद करीब डेढ़ साल पुराना है. भगनानी ने बांद्रा पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई थी और कार्रवाई नहीं होने पर अदालत का रुख किया था. अदालत ने मामले के तथ्यों पर गौर करने के बाद दिसंबर 2024 में पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था. जिसके बाद यह मामला सिविल और आपराधिक दोनों अदालतों में चल रहा है और मामले की जांच अभी जारी है.

80 करोड़ बजट घोटाले में अली जफर पर शक

भगनानी ने यह आरोप भी लगाया है कि फिल्म का बजट फर्जी तरीके दस्तावेजों में ही करीब 70-80 करोड़ रुपए तक बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया. इस रकम के सम्बन्ध में उनका आरोप है कि अली अब्बास ने कुछ भुगतान UK based BMCM Ltd. या दुबई और अबू धाबी स्थित कंपनियों के खातों में भेजे हैं. इस दौरान वित्तीयय सहायता के तौर पर मिलने वाली छूट का भी जमकर दुरुपयोग किया गया. भगनानी का यह भी कहना है कि स्थानीय जांच एजेंसी गुनहगारों को सजा दिलाने में नाकाम नजर आती हैं तो च इस मामले को प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई में ले जाने से भी परहेज नहीं करेंगे .

अली जफर की प्रतिक्रिया: फीस विवाद बना कानूनी लड़ाई

दूसरी तरफ़, निर्देशक अली अब्बास ज़फर ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है और इस पूरे मामले में अलग दावे और कानूनी दलीलें भी रखी हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ज़फर का कहना है कि उन्हें वाशु भगनानी से बकाया लेना था, जिसके लिए उन्होंने कथित बकाया फीस और दावों के लिए कानूनी नोटिस/पेटीशन का भी सहारा लिया था. माना जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच भुगतान-और-अनपेड फीस को लेकर चल रही लड़ाई लंबे विवाद में तब्दील हो सकती है.

ED-सीबीआई जांच की चेतावनी से बॉलीवुड में हड़कंप

जिसके बाद भगनानी भी खुलकर मैदान में आ गए हैं और उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि यदि साधारण जांच से संतोषजनक वित्तीय रिकॉर्ड नहीं मिले तो वे ED, EOW और CBI से गुहार लगाने से भी परहेज नहीं करेंगे. माना जा रहा है कि यह मामला आर्थिक अपराधों और मनी-लॉन्ड्रिंग के दायरे में पहुँच सकता है, जिससे जाँच का दायरा भी विस्तृत हो जाएगा. इसी आशंका से फिल्म जगत में खलबली का माहौल बनने लगा है. क्योंकि जांच हुई तो आंच अन्य लोगों तक पहुँचने की शंका से इंकार नहीं किया जा सकता.

बड़े मियां छोटे मियां विवाद से फिल्म इंडस्ट्री संकट में?

बहरहाल जानकार मान रहे हैं कि इस विवाद ने फिल्म-इंडस्ट्री में पारदर्शिता और वित्तीय लेखाजोखा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. करता है। जानकारों की माने तो लगभग 400 करोड़ बजट की फिल्म बड़े मियां छोटे मियां की कमाई अपेक्षित नहीं रही. साथ ही बॉक्स-ऑफिस पर फिल्म का प्रदर्शन भी कमजोर पाया गया. माना जा रहा है कि यही वजह है जिससे वितरकों और निवेशकों के बीच दबाव और विवाद सार्वजानिक तौर पर सामने आ रहा है. हालाँकि सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या पुलिस जांच में कुछ सामने आ पाएगा? क्या विवाद में ED और CBI की भी एंट्री होगी? और सबसे अहम दायरा बढ़ा तो फिल्म इंडस्ट्री पर इसका क्या प्रबाव पड़ेगा?

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