BRICS : ब्रिक्स देशों की ताकत को देखकर व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने उन्हें वैंपायर बताया और कहा है कि यह संगठन लंबे समय तक टिक नहीं सकेगा. उनका कहना है कि ये सभी देश एक दूसरे से नफरत करते हैं. इसके साथ ही भारत पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ को लेकर कहा कि आज नही कल भारत को अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं पर सहमत होना ही पड़ेगा, अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह रूस और चीन के साथ खड़ा नजर आएगा, जो भारत के लिए अच्छा नहीं है.
इस मामले को लेकर पीटर नवारो का कहना है कि ‘आज के समय में कोई देश तब तक जीवित नहीं रह सकता जब तक वह अमेरिका को अपना माल नहीं बेचता. इसके साथ ही वे जब अमेरिका को निर्यात करते हैं, तो वे अपनी अनुचित व्यापार नीतियों से वैंपायर्स की तरह हमारी नसों का खून चूसते हैं.’
भारत को लेकर बोले नवारो
ऐसे में मीडिया से बातचीत के दौरान पीटर नवारो ने कहा कि ‘मुझे समझ से बाहर है कि ब्रिक्स गठबंधन कैसे एकजुट रह सकता है, क्योंकि इन सभी देशों की एक-दूसरे से कभी नही बनती और एक-दूसरे को मारते रहे हैं.’ इस दौरान नवारो ने भारत पर तंज कसते हुए कहा कि ‘कुछ ही समय पहले तक भारत चीन के साथ युद्ध करता आ रहा है यहां तक की पाकिस्तान के साथ युद्ध में भी चीन ने ही परमाणु बम दिया था. लेकिन अब भारत हिंद महासागर में चीनी झंडे लिए हवाई जहाज घूम रहे हैं.’
भारत की जमीन पर रूसी रिफाइनर उठा रहे लाभ
इतना ही नही बल्कि नवारो ने दावा करते हुए कहा कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले भारत ने कभी रूस से तेल नहीं खरीदा था, लेकिन खरीदता भी था तो बहुत ही कम मात्रा में. लेकिन अब भारत ने मुनाफाखोरी का रुख अपना लिया. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भारत की जमीन पर रूसी रिफाइनर आकर लाभ कमा रहे हैं और अमेरिकी करदाताओं को इस संघर्ष के लिए और अधिक पैसा भेजना पड़ता है.
चीन-रूस की दोस्ती पर बोले पीटर नवारो
भारत और चीन की दोस्ती को देखते हुए पीटर ने दावा किया कि रूस का चीन के साथ पूरी तरह गठजोड़ है. बीजिंग की नजर रूसी बंदरगाह व्लादिवोस्तोक पर है. इसके साथ ही अब वह पहले से ही बड़े पैमाने पर जो रूसी अर्ध-साम्राज्य का सबसे बड़ा भूभाग है, उस पर उपनिवेश स्थापित कर रहा है. इस मामले को लेकर उनका कहना है कि पुतिन को इसके लिए शुभकामनाएं कि चीन ये सब कर रहा है.
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