Solar Eclipse 2025 Date, Time: 7 सितंबर को ‘रेड मून चंद्र ग्रहण’ के बाद दुनियाभर की निगाहें 21 सितंबर को होने वाले सूर्य ग्रहण पर टिकी हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के अनुसार, यह ‘आंशिक सूर्य ग्रहण’ होगा और साल 2025 का आखिरी ग्रहण भी होगा. बता दें कि जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है, इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते है.
इस बार का सूर्य ग्रहण पूर्ण न होकर आंशिक रूप से लगेगा. यानी, चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ही ढकेगा. ऐसे में हम सूर्य का नजारा एक चमकते अर्धचंद्र की तरह देख पाएंगे. हालांकि वैज्ञानिकों के अनुसार, कुछ जगहों पर चंद्रमा सूर्य का लगभग 72% भाग ढक लेगा.
किन जगहों पर दिखाई देगा यह ग्रहण, क्या है समय?
नासा के मुताबिक, यह ग्रहण मुख्यतः दक्षिणी गोलार्ध में दिखाई देगा. लोग इसे विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, अटलांटिक और प्रशांत महासागर के कई हिस्सों से देख पाएंगे.
वहीं, अर्थस्काई (EarthSky) के अनुसार, यह ग्रहण 21 सितंबर को भारतीय समयानुसार रात लगभग 10 बजे शुरू होगा और दोपहर लगभग 3:23 बजें तक रहेगा. इसका चरम समय दोपहर 1:11 अपराह्न होगा, इस दौरान सूर्य का लगभग 85% भाग चंद्रमा द्वारा ढक लिया जाएगा.
क्या भारत से दिखाई देगा यह ग्रहण ?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह ग्रहण भारत समेत एशिया के बड़े हिस्से से दिखाई नहीं देगा. हालांकि, यह खगोलीय घटना हिंदू पंचांग के पितृ पक्ष के अंतिम दिन होने के वजह से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इस दिन पितरों को तर्पण और अन्नदान की परंपरा पूरी होती है.
वहीं, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बिना सुरक्षा उपकरणों के सूर्य ग्रहण देखना आंखों के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है. ऐसे में जिन भी स्थानों पर यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, और जो लोग भी इसे देखने की कोशिश करें, उन्हें विशेष सौर चश्मों का उपयोग करना चाहिए.
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