अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि कज़ाकिस्तान में होने वाले विश्व धार्मिक सम्मेलन में संबोधन करेंगे. ऐसे दौर में जब यूक्रेन-रूस और इजराइल-फिलिस्तीन के बीच युद्ध जारी हैं और दुनिया में धार्मिक असहिष्णुता का खतरा बढ़ रहा है, वैश्विक धार्मिक नेताओं और प्रतिनिधियों की यह अहम बैठक विशेष महत्व रखती है.
यह आठवां सम्मेलन 15 से 18 सितंबर तक कज़ाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव की अध्यक्षता में “धर्मों का संवाद: भविष्य के लिए सद्भाव” (Dialogue of Religions: Harmony for the Future) विषय पर आयोजित किया जाएगा.
जैन धर्म और भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे आचार्य लोकेश
आचार्य लोकेश मुनि इस सम्मेलन में जैन धर्म और भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. अन्य प्रमुख प्रतिभागियों में मॉस्को के पैट्रिआर्क किरिल, अल-अजहर के ग्रैंड इमाम शेख अहमद अल-तैयब, ओआईसी के राजनीतिक मामलों के सहायक महासचिव यूसुफ अल-डोबे, विश्व बौद्ध फेलोशिप के अध्यक्ष फलोप थाइरी आदि शामिल हैं.
कांग्रेस के दौरान, विश्व शांति दूत आचार्य लोकेश मुनि यूक्रेन, रूस, इज़राइल और फ़िलिस्तीन के प्रतिनिधियों के साथ-साथ इस्लाम, ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म, यहूदी धर्म, हिंदू धर्म, ताओवाद और पारसी धर्म के धार्मिक नेताओं के साथ युद्धविराम और वैश्विक शांति पर चर्चा करेंगे.
आचार्य लोकेश सम्मेलन में समकालीन विषय “डिजिटल वास्तविकता और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में आध्यात्मिक मूल्यों का महत्व” पर भी विचार व्यक्त करेंगे. शांति दूत आचार्य लोकेश मुनि इस अवसर पर भारत स्थित विश्व शांति केंद्र में होने वाली शांति और सद्भाव संगोष्ठी के लिए वैश्विक धार्मिक नेताओं और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रण भी देंगे.